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BPC न्यूज़ ब्यूरो – डॉ० बी०पी० त्यागी हेल्थ एक्सपर्ट BPC न्यूज़ व राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के चिकित्सा प्रभारी ने बढ़ते कैंसर को लेकर जताई चिंता ।

BPC News National Desk
5 Min Read
BPC न्यूज़ ब्यूरो World Cancer Day 🌍

वर्ड कैंसर डे 4 फ़रवरी 2024

BPC न्यूज़ ब्यूरो – डॉ० बी०पी० त्यागी हेल्थ एक्सपर्ट BPC न्यूज़ व राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के चिकित्सा प्रभारी ने बढ़ते कैंसर को लेकर जताई चिंता ।

“आईए जानते हैं डा० बी० पी० से कैसे होता है कैंसर और क्या है बचाव के तरीके”


कैंसर के मरीजो को लेकर भारत तीसरे नंबर पर पहुँच गया है ।

WHO के मुताबिक़ दुनिया के 20% कैंसर के मरीज़ भारत में है, केंद्र सरकार के आकड़े बताते है की 2025 तक देश में कैंसर के मरीज़ 16 लाख से ज़्यादा हो जाएँगे ।आने वाले 30 साल में इन आकड़ो में 79 % का इजाफ़ा होगा ।

भारत में इसका निदान बहुत देर से होता है, यही कारण है कि कैंसर के केवल 30 प्रतिशत मरीज ही निदान के बाद पांच साल तक जीवित रह पाते हैं।

भारत में पहले पाँच कैंसर इस तरह से है !
1 ब्रेस्ट कैंसर
2- मुँह का कैंसर
3- गर्भास्य कैंसर
4-फेफड़ो का कैंसर
5- पेट व आँत का कैंसर

“कैंसर के लक्षण”

1. बहुत थकावट महसूस होना, जो आराम करने के बाद भी ठीक न हो
2. स्किन के अंदर गांठ जैसा महसूस होना या त्वचा का मोटा होना
3. अचानक वजन या कम होना व भूख का कम होना ।
4. त्वचा पर नए तिल आना, तिल का रंग बदलना या उनमें से खून आना।
5. मुंह में छाले होना जो काफी समय से ठीक नहीं हो रहे हों । जैसे लाल रंग के छाले (अरिथ्रोप्लाकीआ) इत्यादि ।
6. सांस लेने में तकलीफ होना व खांसी में खून का आना ।
7. बोलने या निगलने में तकलीफ होना
8. अचानक दाँत का हिलना , टूटना व घाव का न भरना ।

“कैंसर के रिस्क फैक्टर्स कौन कौन से हैं”

भारत में तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक है.
अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खराब डाइट (फ़ास्ट फ़ूड unhealthy प्रोटीन्स खाने व पानी में मिलावट ,व्यायाम नहीं करना और मोटापे से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

“वायु प्रदूषण”

वायु प्रदूषण फेफड़ों , नाक ,साईनस ,गला के कैंसर का एक प्रमुख कारण है.

“संक्रमण”

मानव पैपिलोमावायरस (HPV) और हेपेटाइटिस B और C जैसे कुछ संक्रमण कैंसर का कारण बन सकते हैं.

“जेनेटिक”

कुछ लोगों में कैंसर के जीन होते हैं, जो उन्हें कैंसर के प्रति अधिक सेंसिटिव बनाते हैं.

“कैसे कर सकते है बचाव ??”

“ऊपर दिये सभी रिस्क फ़ैक्टर्स से बचे “

“एक्सरसाइज करें”

एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बनते है जो कैंसर की संभावना को कम करते है साथ साथ इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। कार्डियो, योगा, वॉकिंग, स्विमिंग को अपनी डेली रूटीन में शामिल कर सकते

“बैलेस्ड फ़ूड खाये”

खाना सत्रंगि व हर स्वाद का हो । ध्यान रहे खाने और पानी में मिलावट न हो ।

“वैक्सीनेशन”

कुछ वायरस जैसे एचपीवी, हेपिटाइटिस-बी, के कारण कैंसर होने की संभावमना बढ़ जाती है। इनके वैक्सीन लेने से इनके संक्रमण से बचा जा सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करें।

“कैंसर स्क्रीनिंग जेड”

कैंसर स्क्रीनिंग की मदद से आप कैंसर के लक्षण नजर आने से पहले कैंसर के संकेतों का पता लगाकर बचाव कर सकते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से अपने रिस्क फैक्टर डिस्कस कर टेस्ट करवा सकते हैं।

“कैंसर की गांठ की पहचान क्या है?”

यदि गांठ 1 सेंटीमीटर से बड़ी है तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है. अधिकतर कैंसर की शुरुआत गांठ से ही होती है. शुरुआती में गांठ छोटा होता है और उसमें दर्द नहीं रहता है तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. पर इसे नजरअंदाज न करके तुरत अपने चिकित्सक से इसकी जाँच करानी चाहिए व उचित ईलाज कराना चाहिये ।
ऊपर लिखे सारे लक्षण को अनदेखा न करके अपने डॉ से तुरंत जाँच करानी चाहिए ।

Contents
वर्ड कैंसर डे 4 फ़रवरी 2024 BPC न्यूज़ ब्यूरो – डॉ० बी०पी० त्यागी हेल्थ एक्सपर्ट BPC न्यूज़ व राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के चिकित्सा प्रभारी ने बढ़ते कैंसर को लेकर जताई चिंता ।“आईए जानते हैं डा० बी० पी० से कैसे होता है कैंसर और क्या है बचाव के तरीके” कैंसर के मरीजो को लेकर भारत तीसरे नंबर पर पहुँच गया है ।WHO के मुताबिक़ दुनिया के 20% कैंसर के मरीज़ भारत में है, केंद्र सरकार के आकड़े बताते है की 2025 तक देश में कैंसर के मरीज़ 16 लाख से ज़्यादा हो जाएँगे ।आने वाले 30 साल में इन आकड़ो में 79 % का इजाफ़ा होगा ।भारत में इसका निदान बहुत देर से होता है, यही कारण है कि कैंसर के केवल 30 प्रतिशत मरीज ही निदान के बाद पांच साल तक जीवित रह पाते हैं।भारत में पहले पाँच कैंसर इस तरह से है ! 1 ब्रेस्ट कैंसर 2- मुँह का कैंसर 3- गर्भास्य कैंसर 4-फेफड़ो का कैंसर 5- पेट व आँत का कैंसर“कैंसर के लक्षण” 1. बहुत थकावट महसूस होना, जो आराम करने के बाद भी ठीक न हो 2. स्किन के अंदर गांठ जैसा महसूस होना या त्वचा का मोटा होना 3. अचानक वजन या कम होना व भूख का कम होना । 4. त्वचा पर नए तिल आना, तिल का रंग बदलना या उनमें से खून आना। 5. मुंह में छाले होना जो काफी समय से ठीक नहीं हो रहे हों । जैसे लाल रंग के छाले (अरिथ्रोप्लाकीआ) इत्यादि । 6. सांस लेने में तकलीफ होना व खांसी में खून का आना । 7. बोलने या निगलने में तकलीफ होना 8. अचानक दाँत का हिलना , टूटना व घाव का न भरना ।“कैंसर के रिस्क फैक्टर्स कौन कौन से हैं”भारत में तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक है. अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खराब डाइट (फ़ास्ट फ़ूड unhealthy प्रोटीन्स खाने व पानी में मिलावट ,व्यायाम नहीं करना और मोटापे से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.“वायु प्रदूषण”वायु प्रदूषण फेफड़ों , नाक ,साईनस ,गला के कैंसर का एक प्रमुख कारण है.“संक्रमण”मानव पैपिलोमावायरस (HPV) और हेपेटाइटिस B और C जैसे कुछ संक्रमण कैंसर का कारण बन सकते हैं.“जेनेटिक”कुछ लोगों में कैंसर के जीन होते हैं, जो उन्हें कैंसर के प्रति अधिक सेंसिटिव बनाते हैं.“कैसे कर सकते है बचाव ??”“ऊपर दिये सभी रिस्क फ़ैक्टर्स से बचे ““एक्सरसाइज करें” एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बनते है जो कैंसर की संभावना को कम करते है साथ साथ इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। कार्डियो, योगा, वॉकिंग, स्विमिंग को अपनी डेली रूटीन में शामिल कर सकते “बैलेस्ड फ़ूड खाये”खाना सत्रंगि व हर स्वाद का हो । ध्यान रहे खाने और पानी में मिलावट न हो ।“वैक्सीनेशन”कुछ वायरस जैसे एचपीवी, हेपिटाइटिस-बी, के कारण कैंसर होने की संभावमना बढ़ जाती है। इनके वैक्सीन लेने से इनके संक्रमण से बचा जा सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करें।“कैंसर स्क्रीनिंग जेड”कैंसर स्क्रीनिंग की मदद से आप कैंसर के लक्षण नजर आने से पहले कैंसर के संकेतों का पता लगाकर बचाव कर सकते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से अपने रिस्क फैक्टर डिस्कस कर टेस्ट करवा सकते हैं।“कैंसर की गांठ की पहचान क्या है?”यदि गांठ 1 सेंटीमीटर से बड़ी है तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है. अधिकतर कैंसर की शुरुआत गांठ से ही होती है. शुरुआती में गांठ छोटा होता है और उसमें दर्द नहीं रहता है तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. पर इसे नजरअंदाज न करके तुरत अपने चिकित्सक से इसकी जाँच करानी चाहिए व उचित ईलाज कराना चाहिये । ऊपर लिखे सारे लक्षण को अनदेखा न करके अपने डॉ से तुरंत जाँच करानी चाहिए ।
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