BPC न्यूज़ ब्यूरो – यूं० एन० मेहता हॉस्पिटल (अहमदाबाद) की तर्ज पर क्यों नहीं, गाजियाबाद के सरकारी हॉस्पिटल।

राष्ट्रवादी नवनिर्वाण के चिकित्सा प्रभारी एवं प्रदेश महासचिव डॉ० बी०पी० त्यागी ने जिला सयुक्त चिकत्सालय का निरक्षण किया अस्पताल में मरीजों से बात की साथ ही असपताल में मरीजों को जो सुविधा मिलनी चाहिए वो मिल रहीं हैं या नहीं।
जहा उन्होंने देखा एक और अहमदाबाद में स्थित यूं०एन० मेहता अस्पताल में हर तरह की सुविधा मरीजों को प्रदान की जा रही है, वहीं दूसरी और गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इस भीषण गर्मी में बचाव के लिए कोई सुविधा तक नहीं।
“सवालों के घेरे में सीएमओ गाज़ियाबाद”

डॉ० बी०पी० त्यागी ने कहा की (20/5/24) को मोदी जी ने प्रेस के माध्यम से यह बताया कि मेरी माँ ने 100 साल की उम्र में अहमदाबाद के एक सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली, शायद मोदी जी जनता को यह बताना चाहते है कि भारत में सभी सरकारी अस्पताल यू० एन० मेहता अहमदाबाद जैसे है।

लेकिन ये भी झूट साबित हुआ, यहां के सरकारी अस्पतालों की कुछ फोटो देखकर आप समझ जाएँगे की सरकार कितना झूट बोलती है, डॉ० बी०पी० त्यागी ने संयुक्त अस्पताल के सीएमएस विनोद चंद्र पांडेय को अपनी पार्टी व एनजीओ से मदद का आश्वासन दिया, डॉ० बी०पी० त्यागी चाहते है कि ग़ाज़ियाबाद के सारे सरकारी अस्पताल यू० एन० मेहता अहमदाबाद जैसेहोने चाहिएं, और जो 50 करोड़ रुपए मार्च 2024 में वापस भेजे है, वह नये बजट में बढ़कर आने चाहिए ।










