सुमन मिश्रा गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में किए गए प्रशासनिक फेरबदल में 2013 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी रविंद्र कुमार मंदर को Ghaziabad जिले का नया जिलाधिकारी (डीएम) नियुक्त किया गया है।
इससे पहले वह प्रयागराज जिले के डीएम के रूप में कार्यरत थे। अब वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के एक महत्वपूर्ण और तेजी से विकसित हो रहे जिले, गाजियाबाद की प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालेंगे।
प्रशासनिक सफर और अनुभव
रविंद्र कुमार मंदर ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, प्रयागराज में डीएम के रूप में उनके कार्यकाल को प्रशासनिक दक्षता, जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए जाना जाता है।
उनकी कार्यशैली को कुशल, पारदर्शी और जन-केंद्रित माना जाता है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें Ghaziabad जैसे चुनौतीपूर्ण जिले के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाया है।
गाजियाबाद के समक्ष चुनौतियां
NCR का एक प्रमुख औद्योगिक और शहरी केंद्र है, जहां प्रशासनिक चुनौतियां जटिल और विविध हैं। ट्रैफिक प्रबंधन, अवैध निर्माण, पर्यावरण संरक्षण, और बुनियादी ढांचे का विकास जैसे मुद्दे यहां प्राथमिकता में हैं।
रविंद्र कुमार मंदर के सामने इन मुद्दों से निपटने के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और जन-कल्याण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी होगी।
जनता की उम्मीदें
मंदर की नियुक्ति को लेकर गाजियाबाद की जनता और प्रशासनिक हलकों में सकारात्मक उम्मीदें हैं। उनके अनुभव और नेतृत्व के आधार पर माना जा रहा है कि वह जिले में प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने, विकास परियोजनाओं को गति देने और जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान में सफल होंगे। खास तौर पर, उनकी रणनीति और कार्ययोजनाओं पर सभी की नजर रहेगी।
निष्कर्ष
रविंद्र कुमार मंदर के नेतृत्व में गाजियाबाद न केवल प्रशासनिक दक्षता के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है, बल्कि विकास और जन-कल्याण के क्षेत्र में भी प्रगति कर सकता है।
उनकी नियुक्ति जिले के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, और उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में Ghaziabad नई ऊंचाइयों को छूएगा।










