सुमन मिश्रा गाजियाबाद
गाजियाबाद के पटेल मार्ग पर स्थित केसरी माता मंदिर में अवैध कब्जे और पुजारन के परिवार को जान से मारने की धमकी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंदिर की मालिक और पुजारन मीना बघेल, जो स्वर्गीय भरत नारायण गिरी की पत्नी हैं, ने पत्रकारों को बताया कि मंदिर का निर्माण 1998 में निर्वाणी अखाड़े की भूमि पर महंत स्वामी ग्रीष्म गिरी और महंत दिगंबर भैरो गिरी द्वारा किया गया था।
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20 जनवरी 1998 की रजिस्टर्ड वसीयत के अनुसार, मंदिर का अधिकार स्वर्गीय भरत नारायण गिरी को सौंपा गया था। उनके निधन (27 सितंबर 2024) के बाद, मीना बघेल और उनके पुत्र अंकित गिरी मंदिर के विधिक उत्तराधिकारी हैं। मंदिर की दुकानों से प्राप्त किराया मंदिर के रखरखाव और सामाजिक कार्यों में उपयोग होता है। बिजली बिल, हाउस टैक्स और अन्य दस्तावेज भी स्वर्गीय भरत नारायण गिरी के नाम पर हैं।
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मीना बघेल ने गंभीर आरोप लगाया कि भरत नारायण गिरी के निधन के बाद, महंत कन्हैया गिरी और महंत विजय गिरी, जिन पर पहले से बलात्कार और हत्या जैसे आपराधिक मामले दर्ज हैं, मंदिर पर अवैध कब्जा करने की साजिश रच रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों महंतों ने उन पर 24-25 लाख रुपये खर्च कर सोलहवीं और भंडारा आयोजित करने का दबाव बनाया, जो उनके लिए असंभव है। इसके अलावा, 11 अगस्त 2025 को चादर विधि के जरिए जूना अखाड़े के किसी महंत को मंदिर का मालिक बनाने की योजना बनाई जा रही है।
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महंत कन्हैया गिरी और विजय गिरी अपने अनुयायियों के साथ मंदिर परिसर में आए और मीना बघेल को धमकाते हुए मंदिर खाली करने को कहा। 4 अगस्त 2025 को सुबह 11 बजे वे दोबारा अज्ञात अनुयायियों के साथ कब्जे की नीयत से पहुंचे और मंदिर परिसर में डट गए।
उन्होंने मंदिर के सेवकों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की कोशिश की। मंदिर के सेवक रंजीत कुमार ने तुरंत 112 नंबर पर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कब्जे की कोशिश को रोका और थाना सिहानी गेट में दस्तावेजों की जांच शुरू की।
पुलिस ने महंतों को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 2-3 दिन का समय दिया, लेकिन वे अभी भी मंदिर परिसर में जमे हुए हैं और पुलिस के समझाने के बावजूद परिसर खाली नहीं कर रहे। इससे श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना में भारी असुविधा हो रही है।
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मीना बघेल ने बताया कि उन्होंने पुलिस से बार-बार मंदिर परिसर खाली कराने की मांग की, लेकिन पुलिस का ढीला रवैया महंतों के हौसले बुलंद कर रहा है। उन्होंने पुलिस आयुक्त को शिकायत पत्र सौंपकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
परिवार ने महंत कन्हैया गिरी और विजय गिरी को मंदिर से हटाने, उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए कठोर कार्रवाई करने और 11 अगस्त 2025 को प्रस्तावित सोलहवीं, भंडारा और चादर विधि को रोकने की अपील की है।
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यह मामला स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है। श्रद्धालु मंदिर की सुरक्षा और शांति के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और मंदिर के विधिक उत्तराधिकारियों के अधिकारों की रक्षा करे। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है, जिससे मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं का विश्वास प्रभावित हो सकता है।










