गगन शर्मा संवाददाता
गाजियाबाद में शनिवार देर रात एक सनसनीखेज एनकाउंटर ने अपराध की दुनिया में सनाइपर सा असर डाला। क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने कुख्यात अनिल दुजाना गैंग के सक्रिय सदस्य और 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश बलराम ठाकुर को वेव सिटी थाना क्षेत्र के अंडरपास पर घेराबंदी कर मार गिराया।
यह घटना पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ के कार्यकाल में पहला फुल एनकाउंटर माना जा रहा है, जिसमें बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन जवाबी कार्रवाई में उसके छक्के छूट गए। गोलीबारी की इस जंग में तीन पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हो गए।
Encounter की पूरी कहानी: रंगदारी की धमकी से शुरू हुई कार्रवाई
बलराम ठाकुर, जो अनिल दुजाना गैंग का कुख्यात ‘गुरु’ बनकर इलाके में दहशत फैला रहा था, दो दिन पहले ही गाजियाबाद के प्रसिद्ध मदन स्वीट्स के मालिक अभिषेक गोयल से 50 लाख रुपये और एक लोहा कारोबारी से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांग चुका था। धमकी मिलते ही गोयल ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया। गोयल ने खुद कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ से सुरक्षा की गुहार लगाई, जिस पर त्वरित कार्रवाई शुरू हो गई।

एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत के नेतृत्व में बनी टीम ने बलराम की तलाश तेज कर दी। बलराम, जो बुलंदशहर के जहांगीराबाद का निवासी था, पर कुल 34 आपराधिक मामले दर्ज थे।
जिनमें हत्या, लूट, रंगदारी और गैंगवार जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। आधे से ज्यादा केस बुलंदशहर के विभिन्न थानों के थे। अनिल दुजाना गैंग का यह शार्प शूटर दो साल पहले एनकाउंटर में मारे गए दुजाना का वफादार सदस्य था और गैंग की कमान संभालने की फिराक में था।
Encounter सरेंडर के लिए नहीं माना की फायरिंग
शनिवार रात वेव सिटी के अंडरपास पर टीम ने बलराम को घेर लिया। जैसे ही पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा, उसने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें बलराम को दो गोलियां लगीं। वह मौके पर ही ढेर हो गया। इस गोलीबारी में तीन कांस्टेबल घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने घटनास्थल से एक पिस्टल, जिंदा कारतूस और रंगदारी की धमकी से जुड़े सबूत बरामद किए।
Encounter कमिश्नर गौड़ का संकल्प: अपराधियों को कड़ा संदेश
पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़, जो अप्रैल 2025 में गाजियाबाद का चार्ज संभालने के बाद से ही कम्युनिटी पुलिसिंग और बीट सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं, ने इस एनकाउंटर को अपनी टीम की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “यह कार्रवाई अपराधियों को साफ संदेश है कि गाजियाबाद में गुंडागर्दी की कोई जगह नहीं। हमारी प्राथमिकता आमजन की सुरक्षा है।” गौड़ के नेतृत्व में गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर की कॉपी पीड़ितों के घर पहुंचाने जैसी जनोन्मुखी पहलें शुरू की हैं, जो इस ऑपरेशन की सफलता को और मजबूत बनाती हैं।
यह एनकाउंटर अनिल दुजाना गैंग के नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा झटका है। दुजाना गैंग, जो 2002 से गाजियाबाद-नोएडा में सक्रिय था, पहले ही कई हाई-प्रोफाइल एनकाउंटरों का शिकार हो चुका है। बलराम की मौत से गैंग के अन्य सदस्यों पर दबाव बढ़ेगा।
Encounter व्यापारियों में राहत, अपराधियों में खौफ
गाजियाबाद के व्यापारी वर्ग में इस कार्रवाई से जबरदस्त उत्साह है। मदन स्वीट्स के मालिक अभिषेक गोयल ने कहा, “पुलिस ने इतनी तेजी से कार्रवाई की कि हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।” वहीं, सोशल मीडिया पर भी इसकी तारीफ हो रही है। कई यूजर्स ने इसे योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का उदाहरण बताया।
गाजियाबाद पुलिस ने स्पष्ट किया कि एनकाउंटर पूरी तरह पारदर्शी था और इसमें किसी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचा। आगे की जांच में गैंग के अन्य सदस्यों पर नकेल कसने की योजना है। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूत करती है, बल्कि अपराधियों को चेतावनी भी देती है – अपराध का अंत निश्चित है।










