नेशनल डेस्क
दुबई, एशिया कप 2025 का फाइनल न केवल मैदान पर भारत की शानदार जीत के लिए याद रखा जाएगा, बल्कि एक अभूतपूर्व घटना के लिए भी चर्चा में रहेगा। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौवां एशिया कप खिताब अपने नाम किया, लेकिन ट्रॉफी प्रेजेंटेशन के दौरान भारतीय कप्तान सूर्य कुमार यादव ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हलचल मचा दी और इसे पाकिस्तान की “इंटरनेशनल बेज्जती” के रूप में देखा जा रहा है।

Asia Cup मैच का रोमांच और भारत की जीत
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.1 ओवर में 146 रन बनाए, जिसमें सलमान अघा (45) का योगदान उल्लेखनीय रहा। हालांकि, कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती की फिरकी ने पाकिस्तानी बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया।
भारत ने 19.4 ओवर में 5 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया, जिसमें तिलक वर्मा की नाबाद 55 रनों की पारी और शिवम दुबे के साथ उनकी साझेदारी निर्णायक रही। यह जीत भारत की टूर्नामेंट में पाकिस्तान पर तीसरी जीत थी, जिसमें ग्रुप स्टेज में 7 विकेट और सुपर फोर में 6 विकेट की जीत शामिल थी।
Asia Cup ट्रॉफी विवाद: भारत का सख्त रुख
मैच के बाद प्रेजेंटेशन समारोह में जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से स्पष्ट इनकार कर दिया। सूर्यकुमार ने मंच पर कहा, “हमारी जीत ही हमारी असली ट्रॉफी है। हमें किसी और की जरूरत नहीं।” यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है, खासकर जनवरी 2025 में पहलगाम हमले के बाद बढ़े सैन्य तनाव के बाद। इस हमले के कारण ही एशिया कप को भारत से हटाकर यूएई में आयोजित करना पड़ा था।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस जीत को “3 ब्लोज – एशिया कप चैंपियंस!” कहकर सेलिब्रेट किया, जिसे पाकिस्तान के खिलाफ तंज के रूप में देखा गया। बीसीसीआई के इस रुख ने विवाद को और हवा दी। दूसरी ओर, पीसीबी ने सूर्यकुमार के बयानों को “राजनीतिक” करार देते हुए इसकी शिकायत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से की।
Asia Cup पाकिस्तान की बेज्जती का कारण
पाकिस्तान के लिए यह घटना कई मायनों में शर्मिंदगी का सबब बनी। पहला, टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ तीनों मुकाबलों में हार ने उनकी क्रिकेटिंग क्षमता पर सवाल उठाए। दूसरा, ट्रॉफी प्रेजेंटेशन में भारत के इनकार ने पीसीबी की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचाया। सोशल मीडिया पर #AsiaCup2025 और #IndiaVsPakistan हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जहां कई भारतीय फैंस ने इसे “पाकिस्तान की बेज्जती” करार दिया। वहीं, पाकिस्तानी फैंस ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताया।
पाकिस्तान के कप्तान सलमान अघा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं थीं।” दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम सुनियोजित था, जो दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को दर्शाता है।
Asia Cup सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस घटना ने तूफान मचा दिया। भारतीय फैंस ने सूर्यकुमार के रुख की तारीफ की, इसे “राष्ट्रप्रेम” का प्रतीक बताया। वहीं, पाकिस्तानी फैंस और कुछ अंतरराष्ट्रीय कमेंटेटर्स ने इसे क्रिकेट की भावना के खिलाफ बताया। एक यूजर ने X पर लिखा, “भारत ने ट्रॉफी नहीं, पाकिस्तान का घमंड तोड़ा!” जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा, “यह खेल को राजनीति से जोड़ने की गलत मिसाल है।”

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी इस घटना की चर्चा रही। कुछ ने इसे भारत का “पावर स्टेटमेंट” बताया, तो कुछ ने इसे क्रिकेट की एकता के लिए नुकसानदायक माना। आईसीसी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मामला चैंपियंस ट्रॉफी 2026 से पहले और गरमाएगा।
Asia Cup क्रिकेट और राजनीति का घालमेल
यह पहली बार नहीं है जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट में राजनीति की छाया पड़ी हो। 2008 के बाद से दोनों टीमें द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रही हैं, और आईसीसी या एशिया कप जैसे मल्टीलेटरल टूर्नामेंट्स में ही आमने-सामने होती हैं। इस बार का एशिया कप पहले ही विवादों में था, क्योंकि भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में टूर्नामेंट खेलने से इनकार कर दिया था।
तिलक वर्मा की शानदार पारी और भारत की जीत के बावजूद, ट्रॉफी विवाद ने इस जीत की चमक को कुछ हद तक प्रभावित किया। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भविष्य में दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों को और जटिल कर सकती है।
Asia Cup निष्कर्ष
एशिया कप 2025 में भारत की जीत और ट्रॉफी प्रेजेंटेशन का बहिष्कार एक ऐतिहासिक घटना बन गया। यह न केवल खेल की जीत थी, बल्कि एक मजबूत संदेश भी था। पाकिस्तान के लिए यह टूर्नामेंट मैदान और मंच, दोनों जगह हार का सबब बना। अब सभी की नजरें चैंपियंस ट्रॉफी 2026 पर हैं, जहां भारत-पाकिस्तान का अगला मुकाबला और भी रोमांचक होने की उम्मीद है। क्या क्रिकेट फिर से दोनों देशों के बीच शांति का पुल बनेगा, या यह तनाव और गहराएगा? यह समय ही बताएगा।










