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10 वर्षों से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त बदमाशों का सत्यापन शुरू

BPC News National Desk
3 Min Read

गाजियाबाद। दिल्ली विस्फोट के बाद पुलिस ने ऐसे अपराधियों का सत्यापन शुरू कर दिया है जो 10 वर्षों से किसी न किसी रूप में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। तीनों जोन की पुलिस ने साढ़े पांच हजार अपराधियों को सत्यापन पूर्ण कर दिया है। अब ऐसे अपराधियों के नजदीकियों की कुंडली खंगाली जाएगी। इसके लिए बीट पुलिसकर्मी को ब्यौरा एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि दिल्ली विस्फोट के बाद पूर्व में जिले में पकड़े गए आतंकियों के ठिकानों का दोबारा से सत्यापन कराया जाएगा। बदमाशों और उनके परिचितों का सत्यापन भी कराया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों, रेलवे और मेट्रो स्टेशन के साथ-साथ आयुध फैक्टरी पर अतिरिक्त पुलिस तैनात रहेगा। डॉग स्कावायड और बम निरोधक दस्ते चैकिंग जारी रखेंगे। होटल, रेस्तरां, धर्मशालाओं, मुख्य मार्गों पर चैकिंग अभियान जारी रहेगा।

आतंकी गतिविधियों से गाजियाबाद के जुड़े रहे हैं तार

आतंकी हमलवरों को पनाह देने में गाजियाबाद भी अछूता नहीं रहा है। पाक आतंकवादी उमर सईद शेख को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का काठमांडू में अपहरण करने वाले आतंकियों में उमर सईद शामिल था। उससे पुलिस ने कैला भट्ठा के पते पर ड्राईविंग लाईसेंस भी बरामद किया था। इतना ही नहीं 30 वर्षों से कविनगर में छिपकर रह रहे 25 हजार के ईनामी खालिस्तानी मंगत सिंह को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इन वारदातों के अलावा और भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें आतंकवादियों के तार गाजियाबाद से जुड़े रहे हैं। बिजनौर में 2016 में हुई एनआइए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद व उनकी पत्नी की हत्या में शामिल रहा आतंकी मुनीर गाजियाबाद आकर रुका था। बाद में पुलिस ने उसे एबीईएस कालेज के पास की एक कालोनी से गिरफ्तार किया था।

अब तक बदमाशों का सत्यापन

जोन सत्यापन बीएनएस 129 की कार्रवाई
ट्रांस हिंडन जोन – 1659 – 855
ग्रामीण जोन – 2380 – 569
नगर जोन – 1617 – 670
कुल 5656 – 2094

ये है बीनएस की धारा 129जी

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 129जी की धारा आदतन अपराधियों से अच्छे व्यवहार के लिए सुरक्षा बांड से संबंधित है। यह धारा किसी कार्यकारी मजिस्ट्रेट को आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देती है। यदि कोई व्यक्ति बार-बार अपराध करता पाया जाता है (जैसे चोरी, धोखाधड़ी, या शांति भंग करना), तो मजिस्ट्रेट उसे 3 साल तक के लिए अच्छे आचरण के लिए एक बांड पर हस्ताक्षर करने का आदेश दे सकता है।

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