बाल दिवस के उपलक्ष्य में, एनसीआरटीसी ने एक विशेष आयोजन किया, जहाँ बच्चों ने एक दिन के लिए नमो भारत के संचालन की कमान संभाली। इस अनूठी पहल ने छात्रों को एक अनोखा मौका दिया कि वे नमो भारत की विभिन्न ऑपरेशनल भूमिकाएँ जैसे कि स्टेशन कंट्रोलर, टिकट वितरक, सिक्योरिटी इंचार्ज, एनाउंसर–कम-ट्रेन अटेंडेंट और स्टेशन मेंटिनेंस सहयोगी जैसी विभिन्न भूमिकाएं निभाएँ। इस पहल से बच्चों को भारत की प्रथम नमो भारत ट्रेन की संचालन प्रणाली और उससे जुड़ी विस्तृत जानकारियाँ प्राप्त करने का एक मनोरंजक अवसर और ज्ञानवर्धक अनुभव प्राप्त हुआ।
बाल दिवस पर बच्चों ने संभाली नमो भारत की कमान, NCRTC की अनोखी पहल
एनसीआरटीसी स्टाफ के मार्गदर्शन में, बच्चों ने सीखा कि भारत की प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कैसे हर रोज़ हजारों यात्रियों के लिए एक तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करती है। उन्हें नमो भारत को निर्बाध रूप से संचालित करने वाली टीम और इसके लिए प्रयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकों से भी परिचित कराया गया। छात्रों को इसमें बहुत जिज्ञासा थी, उन्होंने टीम से कई सवाल पूछे। इस अनोखी पहल में भाग लेने की खुशी बच्चों के चेहरे पर साफ़ नज़र आई।

दिव्यांग छात्रों ने भी किया नमो भारत का सफर, समावेशी डिज़ाइन की सराहना
स्टेशन पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों ने छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें उन भूमिकाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी जो उनके लिए तय की गई थी। छात्रों ने बेहद उत्साह, ऊर्जा और उत्सुकता से अपनी- अपनी भूमिका अदा की। इस दौरान कुछ छात्रों ने नमो भारत स्टेशन का प्रबंधन संभाला, अनाउंसमेंट की, सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया, यात्रियों से बातचीत की और उन्हें टिकट वितरित किया। नमो भारत के यात्री अनाउंसमेंट में बच्चों की आवाज सुनकर और टिकट काउंटर पर बच्चों को टिकट वितरण करते देख आश्चर्यचकित हो गए। इस कार्यक्रम का छात्रों के साथ-साथ यात्रियों ने भी खूब आनंद लिया और एक दूसरे के साथ सेल्फी और तस्वीरें भी खिंचवाईं। कई यात्रियों ने बाल दिवस के इस खास दृश्य को अपने मोबाइल में कैद किया और एनसीआरटीसी की इस पहल की प्रशंसा की।
बाल दिवस पर Namoh Bharat बना बच्चों का ऑपरेशन रूम
छात्रों के साथ आए शिक्षकों ने एनसीआरटीसी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इसने छात्रों को नमो भारत जैसी आधुनिक शहरी परिवहन के बारे में सीखने का महत्वपूर्ण और मनोरंजक अवसर प्रदान किया है। इन बच्चों की जिज्ञासा और खुशी देखकर टीम एनसीआरटीसी के अधिकारी और स्टाफ भी बेहद उत्साहित हुए। इसने एक तेज़, सुरक्षित, आरामदायक और समावेशी परिवहन प्रणाली के निर्माण करने की टीम एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ किया और नमो भारत स्टेशनों को एक जीवंत सोशल और एजुकेशनल हब में परिवर्तित करने के लिए उन्हें प्रेरित किया।

इसके साथ ही, दिव्यांग छात्रों के एक समूह ने नमो भारत कॉरिडोर का दौरा भी किया। इन छात्रों ने नमो भारत ट्रेन से गाजियाबाद से आनंद विहार स्टेशन तक की यात्रा की और इस आधुनिक परिवहन प्रणाली की गति, समावेशिता और आराम का अनुभव किया। उन्होंने ट्रेन और स्टेशनों के समावेशी डिज़ाइन, आरामदायक सीट, दिव्यांगजनों के लिए किए गए विशेष प्रावधानों और एनसीआरटीसी के सहयोगी स्टाफ के लिए उनकी सराहना की।
नमो भारत में बाल दिवस का इतिहास — बच्चों की भूमिका ने जीता दिल
एनसीआरटीसी समय-समय पर ऐसी पहलों के साथ दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के अस-पास के क्षेत्रों के समुदायों को सार्थक रूप से जोड़ने का निरंतर प्रयास करता रहता है। एक विश्वस्तरीय क्षेत्रीय रेल प्रणाली के निर्माण के साथ ही, ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से एनसीआरटीसी सभी वर्गों के लिए सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक यात्रा वातावरण सुनिश्चित कर रहा है।










