सुबह की पहली किरण के साथ ही शहर से लेकर देहात तक पुलिस की गाड़ियां सरपट दौड़ रही हैं। सड़कों पर चेकिंग पॉइंट्स, घर-घर जाकर पूछताछ और मौके पर ही दस्तावेजों की जांच। यह कोई आपातकाल नहीं, बल्कि हरिद्वार पुलिस का एक सुनियोजित सत्यापन अभियान है, जो SSP हरिद्वार के निर्देश पर पूरे जोर-शोर से चलाया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है – यह भागादौड़ी किसके लिए? जवाब साफ है: आपकी और हमारी सुरक्षा के लिए।
सुबह से शाम तक: सिटी से देहात तक फैला अभियान
सुबह से ही हरिद्वार पुलिस ने व्यापक स्तर पर किरायेदारों और कामगारों का सत्यापन शुरू कर दिया। शहर के व्यस्त इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक, पुलिस टीमें घर-घर पहुंचकर किरायेदारों की पहचान, पता और बैकग्राउंड की जांच कर रही हैं। जो लोग लंबे समय से सत्यापन नहीं करा रहे थे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। चलानी कार्रवाई से लेकर नोटिस तक – पुलिस ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
यह अभियान केवल कागजी कार्रवाई नहीं है। मौके पर ही पुलिसकर्मी किरायेदारों से आधार कार्ड, किराया समझौता, मालिक की जानकारी और पिछले पता जैसे दस्तावेज मांग रहे हैं। अगर कोई संदिग्ध लगता है, तो तुरंत आगे की जांच शुरू हो जाती है। SSP हरिद्वार के अनुसार, “यह अभियान कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हम अपराध की जड़ को ही खत्म करना चाहते हैं।”
सत्यापन: सुरक्षा का कवच
कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में सत्यापन एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। यह वही कड़ी है जो अपराध रोकने से लेकर समाज को सुरक्षित रखने तक हर कदम पर हमारी मदद करती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थल में हर साल लाखों यात्री और प्रवासी आते हैं। किरायेदारों और कामगारों की बढ़ती संख्या में अगर सत्यापन न हो, तो अपराध की दर आसमान छू सकती है।

पिछले वर्षों में कई मामलों में देखा गया है कि असत्यापित किरायेदार अपराध की श्रृंखला का हिस्सा बन जाते हैं। इस अभियान से पुलिस न केवल वर्तमान खतरे को रोक रही है, बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रही है।
आपकी जिम्मेदारी, हमारी सुरक्षा
यह अभियान पुलिस की मेहनत है, लेकिन इसमें आपकी भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। अगर आप किरायेदार हैं या मकान मालिक, तो सत्यापन कराना आपका कर्तव्य है। देरी न करें, क्योंकि यह भागादौड़ी अंततः आपके ही हित में है। हरिद्वार पुलिस की यह मुहिम हमें याद दिलाती है – सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत है।










