गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने मधुबन बापूधाम योजना को नया आयाम देने का फैसला किया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल की अध्यक्षता में योजना के प्रस्तावित विकास कार्यों का अंतिम प्लान तैयार कर लिया गया है। उपाध्यक्ष महोदय के निर्देशानुसार प्राधिकरण सचिव राजेश कुमार सिंह तथा अभियंत्रण अनुभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने योजना क्षेत्र का विस्तृत स्थलीय निरीक्षण किया और विकास कार्यों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया।
पेयजल लाइन, स्ट्रीट लाइटिंग, ड्रेनेज और पार्क का निर्माण प्राथमिकता में
लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से इस योजना में व्यापक अधोसंरचना विकास किया जाएगा। इसमें चौड़ी सड़कें, आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम, पेयजल लाइनें, स्ट्रीट लाइटिंग, पार्क एवं सामुदायिक सुविधाओं का निर्माण शामिल है। ये सभी कार्य शीघ्र ही शुरू कर दिए जाएंगे, जिससे योजना क्षेत्र पूरी तरह आवासीय एवं व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा।

800 एकड़ में फैली योजना का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों ने अंतिम विकास रूपरेखा बनाई
लगभग 800 एकड़ में फैली इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। विकास कार्यों के पूरा होने के साथ ही किसानों को उनके हक का मुआवजा स्वरूप कुल 647 भूखंड आवंटित करने का रास्ता साफ हो गया है। प्राधिकरण ने भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए लॉटरी ड्रॉ की तिथियां भी घोषित कर दी हैं।
लॉटरी पूरी तरह कंप्यूटरीकृत एवं पारदर्शी प्रणाली से आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी पात्र किसानों एवं आवंटियों को समान अवसर मिलेगा।
किसानों को मिलेगा उनके हक का मुआवजा
उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल ने कहा, “मधुबन बापूधाम योजना गाजियाबाद जीडीए के नियोजित शहरी विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। सौ करोड़ के विकास कार्यों से न केवल क्षेत्र का कायाकल्प होगा, बल्कि दशकों से प्रतीक्षा कर रहे किसानों को भी न्याय मिलेगा।”
मधुबन बापूधाम योजना के हजारों आवंटियों और प्रभावित किसानों के लिए यह घोषणा किसी दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है। लंबे समय से रुके पड़े इस प्रोजेक्ट में अब तेजी आने की पूरी संभावना है और अगले कुछ महीनों में क्षेत्र में क्रेन एवं बुलडोजर की गूंज सुनाई देने लगेगी।










