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तिरंगे को बनाया पुताई का चटाई, सभासद गुलज़ार अल्वी पर FIR, सोशल मीडिया में आग

BPC News National Desk
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लोनी में सभासद ने तिरंगा ज़मीन पर बिछाया

लोनी (गाजियाबाद), 19 नवंबर 2025 – वो तिरंगा जिसे सिर-आँखों पर रखा जाता है, जिसके लिए सीने पर गोली खाई जाती है, उसी को एक जनप्रतिनिधि ने पुताई की चादर बना लिया! जी हाँ, गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के वार्ड-35 के सभासद गुलज़ार अल्वी ने कुछ ऐसा कर डाला कि पूरा इलाका गुस्से में है और सोशल मीडिया पर #तिरंगा_अपमान ट्रेंड कर रहा है।

वीडियो में साफ़ दिख रहा है – एक कमरे में दीवार पर पुताई चल रही है। पेंटर ब्रश लिए घूम रहा है और ज़मीन पर बिछा है… हमारा राष्ट्रीय ध्वज! ऊपर से पुताई का छींटा, नीचे तिरंगा गंदा होता जा रहा है। बैकग्राउंड में किसी की आवाज़ आ रही है, “अरे भई सभासद जी ने खुद कहा है, ये वाला पुराना है, इसी पर बिछा दो।”

बस यही 28 सेकंड का वीडियो जैसे ही व्हाट्सएप-फेसबुक पर पहुँचा, लोग भड़क उठे। किसी ने लिखा – “ये वही सभासद हैं जो 15 अगस्त को झंडा फहराते हैं?”, किसी ने कमेंट किया – “वोट माँगने आते हैं तो भारत माता की जय बोलते हैं, काम करते वक़्त तिरंगा पोछा बन जाता है!”

लोनी में सभासद ने तिरंगा ज़मीन पर बिछाया

पूरा मामला तब खुला जब किसी स्थानीय युवक ने ये वीडियो इंद्रपुरी पुलिस चौकी पहुँचा दिया। सब-इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा ने खुद वीडियो देखा, तिरंगे पर लगे पुताई के धब्बे देखे और बिना देर किए लोनी बॉर्डर थाने में तहरीर दे दी।

कौन सी धाराएँ लगीं?

  • प्रिवेंशन ऑफ इन्सल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 की धारा 2
  • भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना) भी जोड़ी गई है।

थाना प्रभारी लोनी बॉर्डर, इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया, “मुकदमा दर्ज हो गया है। सभासद गुलज़ार अल्वी से पूछताछ की जा रही है। उनका कहना है कि झंडा पुराना था और उन्हें पता नहीं था। लेकिन कानून के नज़रिए से ये कोई बहाना नहीं है।”

सभासद का बचाव

जब हमारे संवाददाता ने गुलज़ार अल्वी से फ़ोन पर बात की तो उन्होंने कहा, “ये राजनीतिक साज़िश है। वो तिरंगा 15 अगस्त का पुराना था, फटा हुआ था। मैंने सिर्फ़ पेंटर को कहा था कि कहीं बिछा दो। मुझे नहीं पता था वो ज़मीन पर बिछा देगा। मैं खुद तिरंगे का सम्मान करता हूँ।”

सोशल मीडिया उनकी एक नहीं सुन रहा। कोई लिख रहा है – “फटा हुआ तिरंगा भी तिरंगा ही होता है, उसे जला कर सम्मान से विदा किया जाता है, पुताई के नीचे नहीं दबाया जाता।

वार्ड के ही एक बुजुर्ग रामकिशोर शर्मा ने कहा, “इनको तो जनप्रतिनिधि कहते हैं, इनसे देशभक्ति की उम्मीद की जाती है। अगर ये ही तिरंगे को पाँव तले रौंदेंगे तो आम आदमी क्या करेगा?”

अब देखना ये है कि पुलिस इस मामले में कितनी सख्ती दिखाती है, क्योंकि जब-जब तिरंगे का अपमान हुआ है, देश ने एक स्वर में गुस्सा दिखाया है। लोनी की गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक, बस एक ही आवाज़ गूंज रही है –

“हर घर तिरंगा नहीं, हर दिल तिरंगा चाहिए… अपमान करने वालों को बख़्शा नहीं जाएगा!”

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