गाजियाबाद पुलिस में तैनात विवेचना सेल (क्राइम ब्रांच) के इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिंधु को भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने उस समय रंगे हाथों पकड़ लिया, जब वे 4 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार कर रहे थे। गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच के ही परिसर में हुई, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
पुलिस कमिश्नर की विशेष टीम ने शिकायत मिलने के बाद ट्रैप लगाया था। आरोपी इंस्पेक्टर पर आरोप है कि वे साढ़े 3 करोड़ रुपये कीमत की प्रतिबंधित कफ सिरप (कोडीन युक्त) जब्ती के एक बड़े मामले में आरोपी को क्लीन चिट देने और जांच को प्रभावित करने के एवज में यह रकम ले रहे थे।
मामले की पूरी कहानी
सूत्रों के अनुसार, कुछ महीने पहले गाजियाबाद पुलिस और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने दिल्ली-मेरठ रोड पर एक गोदाम से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद की थी। इस सिरप की बाजार कीमत करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मामले में कई तस्कर गिरफ्तार हुए थे और जांच विवेचना सेल को सौंपी गई थी।
इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिंधु इसी मामले के जांच अधिकारी थे। आरोप है कि उन्होंने मुख्य आरोपी से संपर्क किया और केस को कमजोर करने या आरोपी को राहत देने के बदले पहले 10 लाख रुपये की मांग की। बातचीत के बाद सौदा 4 लाख रुपये में तय हुआ। आरोपी पक्ष ने यह रकम देने से पहले पुलिस कमिश्नरेट की विजिलेंस/एंटी करप्शन टीम से शिकायत कर दी।
शिकायत पर पुलिस कमिश्नर ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की। टीम ने शिकायतकर्ता को चिन्हित नोटों की गड्डी दी और ट्रैप प्लान तैयार किया। तय समय पर इंस्पेक्टर सिंधु क्राइम ब्रांच परिसर में ही रिश्वत की रकम लेने पहुंचे, तभी टीम ने उन्हें धर दबोचा। रिश्वत की पूरी राशि बरामद कर ली गई और केमिकल टेस्ट में इंस्पेक्टर के हाथ पॉजिटिव पाए गए।
आरोपी इंस्पेक्टर पर क्या कार्रवाई?
- इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिंधु को तुरंत निलंबित कर दिया गया है।
- उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
- आगे की जांच विजिलेंस टीम कर रही है। उनके बैंक खातों, संपत्ति और पिछले केसों की भी छानबीन होगी।
पुलिस कमिश्नर ने कहा, “हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितने भी ऊंचे पद पर हो। यह कार्रवाई पुलिस की छवि को साफ करने की दिशा में एक कदम है।”
यह घटना एक बार फिर पुलिस महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलती है, खासकर उन मामलों में जहां बड़े ड्रग रैकेट शामिल होते हैं। कफ सिरप तस्करी के मामलों में हाल के दिनों में कई बड़ी कार्रवाइयां हुई हैं, लेकिन जांच अधिकारियों का इस तरह लालच करना चिंता का विषय है।










