मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष अभियान “ऑपरेशन कालनेमि” के अंतर्गत देहरादून पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस एवं LIU टीम ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्रों के सहारे अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक ममून हसन को गिरफ्तार किया है। उसके साथ पति-पत्नी के रूप में रह रही त्यूनी निवासी महिला रीना चौहान को भी हिरासत में लिया गया है।
फर्जी पहचान के सहारे देहरादून में रह रहा था आरोपी
पूछताछ में सामने आया कि ममून हसन ने फर्जी नाम “सचिन चौहान” से सभी दस्तावेज तैयार कराए थे और देहरादून के एक क्लब में बाउंसर के रूप में काम कर रहा था। उसकी मुलाकात रीना चौहान से फेसबुक के माध्यम से हुई थी, जिसके बाद वह तीन बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आया।
अवैध बॉर्डर पार कर भारत-बांग्लादेश की यात्रा
वर्ष 2022 में दोनों ने अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार की और फिर उसी वर्ष गैरकानूनी तरीके से भारत वापस लौट आए। रीना चौहान ने स्वीकार किया कि उसने अपने पूर्व पति के नाम का इस्तेमाल कर ममून हसन के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए।
गिरोह के अन्य सदस्य भी पुलिस के रडार पर
फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में कुछ अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आई है, जिनकी पहचान की जा रही है। पुलिस जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की तैयारी में है।
अलकनंदा इन्क्लेव से हुई गिरफ्तारी
20 नवंबर 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने अलकनंदा इन्क्लेव में छापेमारी कर दोनों को हिरासत में लिया। पूछताछ में ममून हसन ने अपना असली पता:
आनंदवास, थाना मुजीबनगर, जिला मेहरपुर, बांग्लादेश बताया।
दर्ज की गई धाराएं
आरोपियों के खिलाफ निम्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है :
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धारा 420, 467, 468, 471, 120B भादवि
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धारा 3 पासपोर्ट अधिनियम 1920
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धारा 14 विदेशी अधिनियम
उनके कब्जे से सभी फर्जी दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री बरामद की गई।
राज्य में अवैध विदेशियों पर सख्ती
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि उत्तराखंड में अवैध रूप से रह रहे किसी भी विदेशी नागरिक को बख्शा नहीं जाएगा। सभी थानों और खुफिया इकाइयों को सतर्कता और नियमित सत्यापन के आदेश दिए गए हैं।
यह अभियान राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।











