दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद में आरडीएक्स बरामदगी के बाद जैश की महिला विंग कमांडर डॉ शाहीन की गिरफ्तारी के बाद उसका कानपुर कनेक्शन सामने आया । कानपुर में जब ATS की टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची तो शहर में हड़कंप मच गया । पुलिस अधिकारी तो पहले से ही मुस्तैद थे , इसके बाद और सख्ती करते हुए कानपुर के 9 बड़े अपराधी जिनपर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के भी मामले है उनको हिरासत में ले लिया ।कानपुर पुलिस ने अलग अलग थाना क्षेत्रों से अनवरगंज थाना क्षेत्र का हाजी चांद, राजा अहिरवार बजरिया थाना क्षेत्र का इजराइल आटेवाला, आदिल उस्ताद , फरहद , शमसुद्दीन चच्चा चमनगंज थाना क्षेत्र का टेनी उस्ताद , राजा बाबू कर्नलगंज थाना क्षेत्र का लियाकत उर्फ राजा बर्फ वाला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है ।
बीते 16 सालों में कानपुर से 11 आतंकी हुए है गिरफ्तार
शहर से आतंकियों के पुराने कनेक्शन को देखते हुए पुलिस , खुफिया पुलिस , जांच एजेंसियां और ATS सभी को सक्रिय किया गया है । बीते 16 सालों में कानपुर से 11 आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है । जिसमें सिमी , जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के लिए काम करने वाले आतंकी थे । सबसे पहले सच्चेंडी इलाके से आई एस आई एजेंट इम्तियाज की गिरफ्तारी हुई थी इसके कुछ दिन बाद ही बिठूर से आई एस आई एजेंट वकास को पकड़ा गया था ।
* 11 सितंबर 2009 को आई एस आई एजेंट इम्तियाज की गिरफ्तारी
* 27 सितंबर 2009 को बिठूर से वकास की गिरफ्तारी
* 18 सितंबर 2011 को रेलबाजार क्षेत्र से रांची निवासी आई एस आई एजेंट फैसल रहमान जो गोपनीय सूचनाएं और फोटो पाकिस्तान भेजता था गिरफ्तार
* जुलाई 2012 में सेंट्रल रेलवे स्टेशन से संदिग्ध फिरोज़ की गिरफ्तारी
* मार्च 2014 में ATS ने बाबूपुरवा क्षेत्र से मुन्ना पाकिस्तानी को गिरफ्तार किया
* अप्रैल 2014 में ATS ने पटना में विस्फोट करने वाले ज़ाहिद को पनकी स्टेशन के बाहर से पकड़ा
* मार्च 2017 में भोपाल ट्रेन ब्लास्ट आतंकी गिरोह खुरासान मॉड्यूल के तीन आतंकी गौस मोहम्मद , दानिश फैजल और इमरान अजहर गिरफ्तार हुए
* 13 सितंबर 2018 को हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी कमरुज्जमा शिव नगर से गिरफ्तार
* 14 अगस्त 2022 को जैश ए मोहम्मद का आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह जाजमऊ क्षेत्र से गिरफ्तार हुआ
एक समय सिमी का गढ़ रहा है कानपुर शहर
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से कानपुर का पुराना नाता है। 25 अप्रैल 1997 को मोहम्मद सिद्दीकी ने अलीगढ़ में सिमी का गठन किया था जो जमात ए इस्लामी ए हिंद का छात्र था । इसे 9/11 के आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठन घोषित कर प्रतिबंधित कर दिया गया था । साल 1999 में कानपुर में सिमी का एक बड़ा सम्मेलन हुआ था जिसके बाद सिमी ने शहर में अपने पैर तेजी से पसारे । साल 2001 में हुए नई सड़क पर सांप्रदायिक दंगे में तत्कालीन एडीएम सी पी पाठक की दंगाइयों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी । इस हत्या में सिमी के सदस्यों का नाम आया था । इसके बाद 2006 मे रोशन नगर , 2008 में राजीव नगर , 2009 में नजीराबाद और 2010 में कल्याणपुर में हुए ब्लास्ट में सिमी आतंकियों का नाम पुलिस ने बताया था और कई सिमी सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी जो अभी तक जेल में बंद है ।










