BPC न्यूज़ ब्यूरो -:उत्तराखंड राजधानी देहरादून के सिंधवाल गांव में आजादी के 76 साल बाद भी नही पहुंची सड़क।
देहरादून आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां अभी भी ग्रामीणों को पक्की सड़क का इंतजार है।
क्षेत्र का विकास हो सके, इसके लिए यहां की जनता ने अलग राज्य बनाये जाने की मांग करी थी।
जिसके बाद सन 2000 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड अलग राज्य तो बना दिया गया, पर 23 वर्ष बीत जाने का बावजूद भी राजधानी देहरादून के ऐसे दर्जनों गांव हैं,
जहां अभी तक सड़क नही पहुंची, ओर यहां के ग्रामीण पैदल सफर कर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जीने को मजबूर है।
ऐसे में इन ग्रामीणों को सबसे बड़ी समस्या का सामना उस समय करना पड़ता है, जब किसी मरीज या गर्भवती महिला को चार पाई के जरिये सड़क तक पहुंचना पड़ता है।
ग्रामीणों की माने तो यहां के लोग व जनप्रतिनिधि वर्षों से पक्की सड़कें बनाये जाने की मांग कर रहे हैं, पर सरकारें आती और जाती रही लेकिन इनकी सुध तक नही ली गयी। और यहां के ग्रामीण अभी भी पैदल चलने को मजबूर है।