BPC न्यूज़ ब्यूरो – विवादों से घिरा एक संत और मंदिर।
गाजियाबाद के डासना स्थित शिव शक्ति धाम हमेशा चर्चाओं में रहा. यह मंदिर कभी अपनी मान्यता, इतिहासऔर भगवान के चमत्कारों से ज्यादा विवादों में घिरा हुआ दिखा. मंदिर के पीठाधीश्वर एवं महामंडलेश्वर याति नरसिंगानंद गिरी महाराज सोशल मीडिया पर कई बार चर्चाओं का विषय रहे है. दरअसल महाराज जी बिना अपनी जान की परवाह किए बेबाक होकर अपनी बात रखते है.

इसलिए ही इन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी दी जा चुकी है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाराज को सुरक्षा प्रदान की गई है.आइए सबसे पहले जानते हैं शिव शक्ति धाम मंदिर के बारे में.
डासना स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर का इतिहास पांडवों से जोड़कर देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान यहीं पर शरण ली थी.मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है उसका पुरातत्व विभाग भी सर्वेक्षण कर चुका है, जिसमें शिवलिंग की 52 सौ साल पुराने होने की बात कही गई थी.

मंदिर में मां देवी का काली स्वरूप भी विराजमान है जिसके दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति स्वस्थ और उन्नति के मार्ग पर चलने लगता है. मंदिर में एक कमल का सरोवर भी है जिसमें स्नान करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है.
“मंदिर में कड़े सुरक्षा के इंतजाम के बाद ही मिलते दर्शन”
कई बार मंदिर के साधु संतों पर हमला हो चुका है. मंदिर में बढ़ते हमलों को देखने के बाद ही शाशन द्वारा मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. मंदिर में अब त्रिकोणीय सुरक्षा के द्वारा वेरीफाई होने के बाद ही आपको मुख्य मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत मिलती है. सबसे पहले मंदिर के मुख्य गेट पर आपकी तलाशी ली जाती है,
मन्दिर के बाहर एक बोर्ड भी है जिस पर लिखा है “मुसलमानों का आना मना है”
इसके बाद आपका कोई सरकारी कार्ड चेक किया जाता है और एड्रेस को नोट किया जाता है. इसके बाद मंदिर के मुख्य क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले आपकी एक और बार तलाशी ली जाती है. जब आप मंदिर में प्रवेश करने के बाद महंत जी से मिलने के लिए आगे बढ़ते है, तब वहां पर आपका रिकॉर्ड एक बार फिर नोट किया जाता हैऔर मिलने का समय दिया जाता है.
“जान से मारने की धमकी मिल चुकी”
इस सुरक्षा पर यति नरसिंगानंद महाराज ने BPC न्यूज़ को बताया कि उनको कई बार फोन और पत्र के माध्यम से जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. विदेश में ऐसी कई संस्थाएं है जिन्होंने उनके नाम पर इनाम भी घोषित कर दिया है. कई बार महाराज के नाम फतवा भी जारी हो चुका है, ऐसे में यह सुरक्षा कर्मी सुनिश्चित करते हैं कि महाराज अपनी यात्राओं पर सुरक्षित रहे.










