BPC न्यूज़ ब्यूरो – देहरादून आज बुधवार 7 फ़रवरी को उत्तराखंड राज्य में UCC लागू किया जा सकता है
◆ शादी, तलाक और उत्तराधिकार जैसे मामलों में सभी धर्मों के लोगों के लिए एक जैसे नियम-कानून होंगे
◆ उत्तराखंड में हलाला प्रथा पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा
◆ हलाला करने वाले को तीन साल की जेल और एक लाख जुर्माना
सदन के सारे कामकाज स्थगित कर उत्तराखण्ड धामी सरकार सदन में 202 पृष्ठों का यूसीसी विधेयक लेकर आई। अब बुधवार 7 फ़रवरी को चर्चा के बाद यूसीसी विधेयक पारित होना तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) उत्तराखंड विधेयक 2022 रखकर इतिहास रच दिया। सदन में बिल पेश करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य हो गया है।
विधेयक में प्रावधान के मुताबिक, बेटा और बेटी को संपत्ति में समान अधिकार देने और लिव इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाली संतान को भी संपत्ति का हकदार माना गया है।
अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर यूसीसी लागू नहीं होगा। सदन में विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि यूसीसी में विवाह की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाज, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई असर नहीं होगा।
उत्तराखंड विधानसभा में UCC यानी समान नागरिक संहिता बिल पेश हो गया है. कानून बनने के बाद उत्तराखंड आज़ादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा. विधानसभा में BJP के पास पूर्ण बहुमत है.
ऐसे में इस विधेयक का पास होना तय माना जा रहा है. इससे पहले रविवार को इस विधेयक को कैबिनेट की मंज़ूरी मिली थी. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद विधेयक कानून बन जाएगा।
4 फरवरी को उत्तराखंड कैबिनेट से समान नागरिक संहिता विधेयक को मंजूरी मिली थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक को विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि राज्य में सबको समान अधिकार प्रदान करने हेतु हम सदैव संकल्पित
मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के इस दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने ‘‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम’’ के नारे भी लगाये. प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी.
कमेटी को समान नागरिक संहिता पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से करीब 20 लाख सुझाव मिले हैं। इनमें से कमेटी ने लगभग ढाई लाख लोगों से सीधे मिलकर इस मुद्दे पर उनकी राय जानी है।
भाजपा ने 2022 विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में इसे लागू करने का वादा किया था। राज्य में सरकार बनने के बाद मार्च 2022 में यह कैबिनेट में पास हुआ था।