BPC न्यूज़ संवाददाता – बीजेपी से निष्कासित श्रीकांत त्यागि को बड़ा झटका खुद की बनाई नई पार्टी में आई दरार।
“पार्टी में अनुशासनहीनता, मैं डॉ० बी०पी० त्यागी अपने सभी पदो से रास्ट्र वादी नव निर्माण दल से त्यागपत्र देता हूं”
देश की राजधानी दिल्ली में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के अगले दिन जब पूरे देश में मंत्रिमंडल की चर्चा चल रही थी ठीक उसी दिन गाजियाबाद की राजनीति में एक व्यक्ति पार्टी की अनुशासनहीनता पर कठोर निर्णय लेने जा रहा था।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ डॉक्टर बी०पी० त्यागी राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल के अनुशासनहीन जिला अध्यक्षों से दुखी थे और पार्टी हाई कमान के लापरवाह व्यवहार से हैरान और परेशान थे।
पार्टी के इस अनुशासनहीन और लापरवाही से भरे हुए व्यवहार के चलते डॉक्टर बी० पी० त्यागी ने अपने सभी पदों से 11 जून शाम 4:00 बजे त्यागपत्र दे दिया। इस त्यागपत्र की आधिकारिक सूचना उन्होंने गाजियाबाद की मीडिया को सौंप दी थी।

सवाल खड़े होते है अब –
क्या श्रीकांत त्यागी चाटुकारिता के शिकार हो रहे है ?
या श्रीकांत त्यागी को चाटुकारिता पसंद है ?
आखिरकार जिस समाज की वजह से आज वो खड़े है उसे अनदेखा क्यों कर रहे है ?
क्या श्रीकांत त्यागी अपनी समझ से कोई निर्णिये नही ले पा रहे है ?
डा० बी०पी० त्यागी के इस्तीफे के बाद क्यों ख़ामोश है श्रीकांत त्यागी ?
क्या पार्टी के अंदर कोई गुटबाजी चल रही है ?
क्या श्रीकांत की पार्टी में कोई कार्यकर्ता बीपीजे की B टीम की तरह काम कर रहा है ?
क्या पार्टी में वरिष्ठ पदाधिकारियों की अनदेखी जानबूझ कर करी जा रही है ?
क्या श्रीकांत त्यागी जिलाध्यक्षों के दबाव में पार्टी चला रहे है ?
सवालों की लिस्ट बहुत लंबी है, शायद श्रीकांत त्यागी इनका उत्तर नहीं दे पाएंगे, बरहाल एक शेर जो इस परिस्थि पर बनता है की अर्ज़ किया मशहूर शायर शौक बेहराइची ने की
“बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी था “हार शाख पर उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्ता क्या होगा”
भारत की स्वतंत्रता के बाद के भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद और मौकापरस्ती, चाटुकारिता इत्यादि के परिप्रेक्ष्य में यह चुभता हुआ व्यंग्य किया गया था।
डॉ बीपी त्यागी ने BPC न्यूज़ संवाददाता को अनौपचारिक बातचीत में बताया कि वह चाहते थे की अनु त्यागी धर्मपत्नी श्रीकांत त्यागी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए क्योंकि वह अनु त्यागी के साथ हुए गलत व्यवहार और सामाजिक अपमान के कारण श्रीकांत त्यागी की पार्टी से जुड़े थे लेकिन अनु त्यागी को ही पर्दे के पीछे बैठा दिया गया।
डॉ० त्यागी ने कहा कि वह श्रीकांत त्यागी से सामाजिक स्तर पर जुड़े रहेंगे।
डॉ० बी० पी० त्यागी ने राजनीति में आगामी रणनीति को लेकर किसी भी तरह का खुलासा नहीं किया है वह कहते हैं कि वह अपनी समाज सेवा पर पहले की तरह ही काम करते रहेंगे, जो उनका सिद्धांत है नर ही नारायण सेवा है।











