BPC न्यूज़ ब्यूरो -: ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय सैनिक संस्था के गौरव सेनानियों और देशभक्त नागरिकों का अभिनन्दन और संकल्प कार्यक्रम परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के संरक्षण व नेतृत्व में आयोजित किया गया ।
ऋषिकेश दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत के लगभग सभी प्रदेशों के विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर ‘‘चरित्र निर्माण के लिये विद्यालयों में प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण’’ देने हेतु चर्चा की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती को राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों को रेट माइनर्स सम्मान प्रदान किये गये तथा सभी विशिष्ट अतिथियों का शस्त्र अलंकरण किया गया।
ये वही रेट माइनर्स है जिनकी वजह से उत्तरकाशी टनल हादसे मे फंसे हुए मजदूरों को निकाला गया था।
इस अवसर पर भारत के 16 राज्यों के सैनिक परिवारों के प्रतिभागियों ने सहभाग कर सभी का ध्यान आकर्षित किया कि कक्षा आठ से ही प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू किया जाना चाहिये
ताकि राष्ट्रीय एकीकरण, मेरी धरती का मैं बेटा, राष्ट्रीय चरित्र निर्माण और सहनशीलता, कर्तव्य निष्ठा, अनुशासन, प्रतिबद्धता के गुणों को विकसित किया जा सके।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सैनिकों का जीवन ही अपने वतन के लिये होता है, उनकी शुरूआत भी वतन से और अन्त भी वतन के लिये ही होता है।
सैनिक वेतन के लिये नहीं बल्कि वतन के लिये लड़ते हैं। वेतन तो कहीं भी मिल सकता हैं परन्तु वतन तो वतन है।
फौजी कभी भी रिटायर नहीं होते बल्कि वे तो राष्ट्र के लिये ही जीते हैं और राष्ट्र हित के लिये ही समर्पित होते हैं।
क्या मार सकेगी मौत उसे, देश के हित जो जीता है। मिलता है वतन का प्यार उसे औरों के लिये जो मरता है। हमारे सैनिकों का मरण नहीं स्मरण होता है।
सैनिक कभी भी रिटायर होते है न ही उनकी राष्ट्र भावना कभी रिटायर होती है। आईये संकल्प ले कि ‘‘देवपूजा अपनी-अपनी पर देशपूजा सभी मिलकर करें।’’










