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गाजियाबाद में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती: उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दी श्रद्धांजलि, जनजातीय योगदान की सराहना की

BPC News National Desk
3 Min Read

गाजियाबाद, 13 नवंबर 2025: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर गाजियाबाद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके संघर्षपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग उपस्थित थे, जिन्होंने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भगवान बिरसा मुंडा को “आदिवासी गौरव” का प्रतीक बताते हुए कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष और बलिदान की अनुपम मिसाल पेश की। उनके आदर्श आज भी हमें प्रेरित करते हैं कि कैसे एक व्यक्ति अपने समाज और राष्ट्र के लिए लड़ सकता है।” पाठक ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने वन धन योजना, आदिवासी कल्याण योजनाओं और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सरकार की पहलों का जिक्र किया।

दिल्ली घटना पर सख्त रुख

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में जब उपमुख्यमंत्री से दिल्ली में हुई हालिया घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे “अत्यंत निंदनीय” करार दिया। पाठक ने कहा, “ऐसी घटनाएं समाज में अशांति पैदा करती हैं और इनकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। इस मामले की पूरी जांच चल रही है, और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर जोर देते हुए स्पष्ट किया कि प्रदेश में किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। “गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हमने सुरक्षा व्यवस्था को चक-चौबंद कर दिया है ताकि शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं,” उपमुख्यमंत्री ने कहा।

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अवसर पर राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनमें आदिवासी समुदाय के उत्थान पर विशेष फोकस है। गाजियाबाद का यह आयोजन भी इसी कड़ी का हिस्सा था, जो न केवल श्रद्धांजलि का माध्यम बना, बल्कि सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने का भी अवसर प्रदान किया।

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