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गाजियाबाद जिला: 49 साल का सफर, इतिहास से आधुनिकता तक

BPC News National Desk
4 Min Read

गाजियाबाद, 14 नवंबर 2025: आज गाजियाबाद जिला अपना 49वां स्थापना दिवस मना रहा है। 14 नवंबर 1976 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस पर मेरठ जिले से अलग कर गाजियाबाद को एक स्वतंत्र जिला घोषित किया था। यह दिन न केवल प्रशासनिक इतिहास का हिस्सा है, बल्कि एक ऐतिहासिक शहर के विकास की कहानी का भी प्रतीक है, जो मुगल काल से लेकर औद्योगिक क्रांति तक का सफर तय कर चुका है

मुगल काल से जन्म: गाजीउद्दीन नगर का इतिहास

गाजियाबाद की नींव वर्ष 1740 में मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के वजीर गाजीउद्दीन ने रखी थी। उन्होंने इसे गाजीउद्दीन नगर नाम दिया और एक किले के रूप में बसाया। शहर को चार भव्य दरवाजों से घेरा गया था – जवाहर गेट, दिल्ली गेट, डासना गेट और सिहानी गेट। ये दरवाजे आज भी शहर की ऐतिहासिक पहचान का हिस्सा हैं, हालांकि समय के साथ इनकी चमक फीकी पड़ गई है। उस दौर में यह क्षेत्र व्यापार और रक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था, जो दिल्ली से मेरठ जाने वाले मार्ग पर स्थित था।

स्वतंत्रता संग्राम का पहला बिगुल: हिंडन तट से गूंजी क्रांति

गाजियाबाद का नाम स्वतंत्रता संग्राम में भी स्वर्ण अक्षरों में लिखा है। 1857 की क्रांति का पहला बिगुल यहीं हिंडन नदी के तट से फूंका गया था। अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी यहीं से भड़की, जो बाद में पूरे उत्तर भारत में फैल गई। यह क्षेत्र वीर सपूतों की धरती रहा, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई।

1990-2005: अपराध नगरी की काली छाया

आजादी के बाद गाजियाबाद ने तेजी से विकास किया, लेकिन 1990 से 2005 तक का दौर इसके लिए काला अध्याय रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह जिला अपराध नगरी के नाम से कुख्यात हो गया। संगठित अपराध, गैंगवार, लैंड माफिया और अवैध निर्माण ने शहर की छवि को धूमिल किया। उस दौर में पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बावजूद अपराध नियंत्रण में नहीं आ पा रहा था।

आधुनिक गाजियाबाद: औद्योगिक और आवासीय हब

आज गाजियाबाद दिल्ली-एनसीआर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इंदिरापुरम, वैशाली, क्रॉसिंग्स रिपब्लिक, राजनगर एक्सटेंशन जैसे क्षेत्रों ने इसे आवासीय स्वर्ग बना दिया है। साहिबाबाद, लोनी, मोदीनगर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों फैक्टरियां हैं, जो रोजगार का स्रोत बनी हुई हैं। मेट्रो कनेक्टिविटी, रैपिड रेल और हाईवे ने इसे कनेक्टिविटी का केंद्र बना दिया है।

शहर में शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन के क्षेत्र में भी तेजी से विकास हुआ है। आईएमएस, आईटीएस, आईएमटी जैसे संस्थान उच्च शिक्षा के केंद्र हैं, जबकि मॉल, पार्क और सिनेमाघरों ने जीवनशैली को आधुनिक बनाया है।

49वें स्थापना दिवस पर संकल्प

जिला प्रशासन ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने कहा, “गाजियाबाद का इतिहास गौरवशाली है। हमें अपराध मुक्त, स्वच्छ और स्मार्ट शहर बनाने का संकल्प लेना होगा।” शहरवासियों ने भी सोशल मीडिया पर #GhaziabadAt49 हैशटैग के साथ बधाइयां दीं और पुरानी यादें साझा कीं।

भविष्य की ओर: चुनौतियां और उम्मीदें

आज गाजियाबाद ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, अवैध कॉलोनियों और पानी की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। लेकिन रैपिड रेल कॉरिडोर, नए फ्लाईओवर और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने उम्मीद जगाई है। अगले साल यानी 2026 में जिला अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मनाएगा, जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

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