गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने अपने कामकाज में पारदर्शिता, तेजी और जनता की सुविधा को सबसे ऊपर रखते हुए एक बड़ी डिजिटल पहल की है। ‘कमिश्नरेट कोर्ट्स मॉनिटरिंग सिस्टम’, यानी CCMS, को आज औपचारिक रूप से लॉन्च कर दिया गया है। यह सिस्टम ‘डेटा-संचालित पुलिसिंग’ और ‘जन-केंद्रित पुलिसिंग’ के विज़न को मजबूत करता है, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं आम नागरिकों के लिए और अधिक सरल, स्पष्ट और सुलभ हो जाती हैं।
पिछले वर्ष अप्रैल 2025 में पुलिस आयुक्त द्वारा जारी Citizen Charter के तहत गाजियाबाद पुलिस ने कई महत्वपूर्ण अभियान चलाए—जिनका उद्देश्य जनता तक सुविधाओं को घर बैठे पहुँचाना और पुलिसिंग को अधिक पारदर्शी बनाना है।
अब इसी कड़ी में आज CCMS पोर्टल को जनता के लिए उपलब्ध करा दिया गया है।
पुलिस कमिश्नरेट, गाजियाबाद ने अपने संचालन में पारदर्शिता और दक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक बड़ी डिजिटल पहल की है—कमिश्नरेट कोर्ट्स मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS)।
यह एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए अब कमिश्नरेट अदालतों में चल रहे मामलों की वास्तविक समय में ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
Citizen Charter के तहत शुरू की गई कई सुविधाओं ने पुलिस-जनसहभागिता को मजबूत किया है।
FIR और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की होम डिलीवरी शुरू की गई है। इसके तहत अब तक 5631 FIR सीधे लोगों के घरों तक पहुंचाई जा चुकी हैं।
फीडबैक सेल का गठन किया गया, जिसने अब तक 56,231 नागरिकों से फीडबैक प्राप्त किया। इनमें से 39 नकारात्मक फीडबैक वाले पुलिसकर्मियों पर दंडात्मक कार्यवाही भी की गई।
जनशिकायत प्रकोष्ठ में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिकायतकर्ताओं की समस्या तुरंत सुनी और निस्तारित की जा रही है।
पुलिस और जनता के बीच दूरी कम करने के लिए शिष्टाचार नीति लागू की गई है। इसके तहत हर बुधवार को सभी थानों में वादी संवाद दिवस आयोजित किया जाता है।
थानों में आगंतुकों के लिए वेटिंग रूम, पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था सहित कई जन-केंद्रित सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
अब बात CCMS की—यह सिस्टम क्यों खास है?
CCMS का उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों की ट्रैकिंग को पूरी तरह डिजिटल बनाना है। इस पोर्टल पर 126, 129, 152, 164 और 170 BNSS, गुण्डा एक्ट तथा गैंगस्टर एक्ट के सभी मामलों को ऑनलाइन मॉनिटर किया जा सकेगा।
इसके प्रमुख उद्देश्य हैं—
पारदर्शिता – आम नागरिक अपने केस की अगली तारीख और वर्तमान स्थिति घर बैठे जान सकें।
रियल-टाइम मॉनिटरिंग – पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड से सभी मामलों पर निगरानी रख सकें।
दक्षता में वृद्धि – मामलों का समय पर निस्तारण और प्रभावी फॉलो-अप हो सके।
जवाबदेही – अधिकारियों के कार्य निष्पादन की स्पष्ट ट्रैकिंग।
डेटा-संचालित निर्णय – रुझानों और मेट्रिक्स के आधार पर बेहतर नीति निर्माण।
डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन – दस्तावेजों को सुरक्षित और पेपरलेस फॉर्म में उपलब्ध कराना।
झूठी जमानत पर रोक – जमानती बांड की मॉनिटरिंग से गलत जमानत के मामलों को रोकना।
CCMS पोर्टल का उपयोग कैसे करें?
नागरिक अपने मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर से घर बैठे इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
1. अपने ब्राउज़र में ccms.ghaziabadpolice.com टाइप करें या QR कोड स्कैन करें।
2. “अग्रिम तिथि जानें” पर क्लिक करें।
3. आयुक्तालय, अदालत, धारा/अधिनियम चुनें और वाद संख्या भरें।
4. ‘खोजें’ पर क्लिक करते ही आपके केस की पिछली और अगली तारीख सहित पूरा विवरण स्क्रीन पर दिखाई देगा।
गाजियाबाद पुलिस का मानना है कि CCMS न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सुविधा को नए स्तर पर ले जाएगा। यह प्रणाली न केवल पुलिसिंग को आधुनिक बना रही है, बल्कि नागरिकों के मन में न्याय प्रक्रियाओं के प्रति विश्वास भी बढ़ा रही है।
गाजियाबाद पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि वे इस सुविधा का अधिक से अधिक उपयोग करें और बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था बनाने में सहयोग दें।










