गाजियाबाद, 20 नवंबर 2025: अब दिल्ली नहीं, गाजियाबाद देश का नंबर-1 प्रदूषित शहर बन गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा लिस्ट में गाजियाबाद टॉप पर है। शहर का औसत AQI 422 तक पहुँच गया है, जो ‘गंभीर+’ की श्रेणी में आता है। यानी यहाँ की हवा अब साँस के साथ जहर घोल रही है।
धूल + कूड़े की आग = जानलेवा कॉकटेल
CPCB की रिपोर्ट साफ कहती है: गाजियाबाद में PM2.5 और PM10 का स्तर सबसे खतरनाक है।
मुख्य दोषी:
सड़कों और निर्माण स्थलों की बेलगाम धूल
कॉलोनियों, खाली प्लॉटों और यमुना किनारे हर रात जलाया जा रहा कूड़ा

शाम 6 बजे के बाद पूरा शहर धुएँ की चादर में लिपट जाता है। सुबह आँख खुलते ही गले में खराश और सिर भारी होने की शिकायत आम हो गई है।
लोग परेशान, बच्चे-बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित
वसुंधरा सेक्टर-3 की रहने वाली प्रिया गुप्ता कहती हैं, “मेरा 7 साल का बेटा पिछले 10 दिनों से लगातार खाँस रहा है। डॉक्टर ने कहा – बाहर मत निकलो, लेकिन घर में भी हवा जहरीली है।”
क्रॉसिंग्स रिपब्लिक में तो लोग रात में खिड़कियाँ तक नहीं खोल पा रहे। एक बुजुर्ग ने बताया, “नींद में भी दम घुटता है।”
अधिकारी बोले – हम कोशिश कर रहे, आप भी साथ दें
जिला प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया, “हमारी 6 टीमें रोज़ 15-20 जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। कूड़ा जलाने पर 5-25 हजार तक का चालान काटा जा रहा है। वॉटर स्प्रिंकलिंग, एंटी-स्मॉग गन और मकैनिकल स्वीपिंग मशीनें लगातार चल रही हैं। लेकिन जब तक लोग खुद कूड़ा न जलाएं और निर्माण स्थल पर धूल नहीं रोकी जाएगी, पूरी राहत मुश्किल है।”
आने वाले दिन और खराब!
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 72 घंटे तक हवा रुकी रहेगी, तापमान और गिरेगा, जिससे AQI 450 के पार भी जा सकता है। स्कूलों में आउटडोर एक्टिविटी पर रोक लगने की संभावना है।
गाजियाबाद आज सचमुच ‘गैस चैंबर’ बन चुका है। सवाल सिर्फ एक है: कब तक हम अपनी ही बनाई इस जहरीली हवा में साँस लेते रहेंगे?









