गगन शर्मा संवाददाता
Froud क्रिप्टो का महाघोटाला
क्रिप्टोकरेंसी की चमक ने लाखों भारतीयों को सपनों के संसार में खींच लिया, लेकिन इसी आड़ में चल रही ठगियां देशभर में तबाही मचा रही हैं। ‘VNS क्रिप्टो कॉइन’ नामक फर्जी स्कीम ने छोटे शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक फैलकर करीब 5,000 करोड़ रुपये का महाघोटाला कर लिया है।
Froud लाखों बने शिकार
लालच का शिकार बने निवेशकों के परिवार बर्बाद हो चुके हैं, और अब स्कैमर्स नया जाल बिछा रहे हैं 6 अक्टूबर को थाईलैंड में एक ‘विशेष इवेंट’ के बहाने करीब 500 लोगों को लुभाने का प्लान!
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के निकट एक छोटे शहर में रहने वाले विजय (नाम परिवर्तित) ने अपनी आपबीती सुनाते हुए आंसू पोछे। एक निजी आयोजन में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा, “मैं विजय हूं, यूपी का रहने वाला। कृपया मेरा नाम और पता गोपनीय रखें, क्योंकि ये स्कैमर्स एक खतरनाक गिरोह हैं।
Froud VNS कॉइन ने किया काला कारोबार
देश में MLM और क्रिप्टो कॉइन के नाम पर दर्जनों फर्जी कंपनियां सक्रिय हैं। हमारा परिवार और दोस्त भी VNS कॉइन का शिकार हो गए। इसके मालिक विक्रम सिंह (बिक्रम) और मुकेश कुमार रांची, झारखंड के रहने वाले हैं।
मेरी जानकारी के मुताबिक, इन्होंने पूरे देश में 5,000 करोड़ का स्कैम कर लिया है।
विजय की आवाज में दर्द साफ झलक रहा था। उन्होंने बताया कि लालच में आकर उन्होंने परिवार और दोस्तों को इस स्कीम में निवेश करने के लिए उकसाया था।
हमने कुल 25 लाख रुपये लगा दिए, लेकिन अब कंपनी ने पैसे लौटाने से साफ मना कर दिया।
शुरुआत में छोटे रिटर्न देकर भरोसा जीता गया, फिर बड़े निवेश उगाहे गए। 45 दिनों में दोगुना रिटर्न का वादा किया गया था। ऑनलाइन वेबिनार और स्थानीय इवेंट्स के जरिए छोटे शहरों व गांवों में लोगों को फंसाया।
फर्जी सिम कार्डों और म्यूल बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर होते थे। अब परिवार टूट चुका है दोस्त पैसे मांग रहे हैं, मेहनत की कमाई उड़ गई।
Froud विदेशों में फैला जाल
विजय ने चेतावनी दी कि स्कैमर्स अब पीड़ितों को फंसाने के उद्देश्य से नया पैंतरा अपना रहे हैं। ये लोग वर्तमान में विदेश यात्रा का लालच देकर थाईलैंड में 6 अक्टूबर 2025 को एक इवेंट आयोजित कर रहे हैं।
इसमें करीब 500 लीडर्स व सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। घूमने-फिरने के बहाने लोगों को फिर से जाल में फंसाने की साजिश है। कृपया मीडिया इसकी प्रमुखता से कवरेज करे, ताकि अन्य बर्बाद न हों।
इस घोटाले की जड़ें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों तक फैली हैं। विजय के अनुसार, हाल ही में राजस्थान के अलवर में गैंग के पांच सदस्य गिरफ्तार होकर जेल भेजे गए। सितंबर 2025 में कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
लेकिन मुख्य आरोपी विक्रम सिंह और मुकेश कुमार अभी फरार हैं। विजय ने बताया, इनका पकड़ा जाना जरूरी है। मैंने गृह मंत्रालय से शिकायत की, जिसने झारखंड सरकार को जांच के आदेश दे दिए हैं। थोड़ी उम्मीद जगी है।
यह मामला भारत में क्रिप्टो ठगी के व्यापक चित्र का हिस्सा है। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 के पहले छह महीनों में ही 11,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें प्रतिदिन औसतन 60 करोड़ की ठगी दर्ज की गई।
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर रोजाना 6,000 शिकायतें आ रही हैं। 2023 में 7,465 करोड़ के मुकाबले 2024 में यह आंकड़ा 22,845 करोड़ तक पहुंच गया। क्रिप्टो की लोकप्रियता बढ़ी तो अपराध भी।
साइबर अपराधी फर्जी एक्सचेंज, पोंजी स्कीम और फिशिंग के जरिए लूट रहे हैं। VNS जैसे स्कैम ने न केवल पैसे छीने, बल्कि बाजार में विश्वास भी डगमगा दिया।
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि ये घोटाले केवल वित्तीय नुकसान ही नहीं पहुंचाते, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालते हैं। परिवार बिखर जाते हैं, रिश्ते टूटते हैं, और समाज में अविश्वास फैलता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां वित्तीय व तकनीकी साक्षरता कम है, लोग आसानी से फंस जाते हैं। साइबर विशेषज्ञों का कहना है, “क्रिप्टो रेगुलेशन की कमी इस समस्या की जड़ है। सरकार को सख्त कानून लाने चाहिए, जैसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग और जागरूकता अभियान।
Froud अंतर्राष्ट्रीय समस्या
लेकिन अंतरराष्ट्रीय सर्वरों की वजह से चुनौतियां बनी हुई हैं।
विजय की हिम्मत सराहनीय है। उन्होंने कहा, मैं मीडिया के सामने आया ताकि अन्य बचें। लालच न करें, प्रमाणित प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करें और संदिग्ध योजनाओं की जांच करवाएं।










