सुमन मिश्रा संवाददाता
गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया, जिसने आम जनता को त्वरित और सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
इस अवसर पर अपर जिला जज प्रथम ने बताया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लोगों को समयबद्ध और कम खर्चीले तरीके से न्याय उपलब्ध कराना है। इस प्रणाली के तहत विभिन्न प्रकार के वादों का निस्तारण सुलह और समझौते के आधार पर मौके पर ही किया जाता है, जिससे न केवल पक्षकारों का समय और धन बचता है, बल्कि उनकी परेशानियां भी कम होती हैं।
लोक अदालत सफल प्रचार
लोक अदालत का आयोजन सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया था। जिला प्रशासन और न्यायालय ने मिलकर लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया, जैसे कि पम्फलेट, सोशल मीडिया, और स्थानीय समाचार पत्र। इस प्रयास का परिणाम यह रहा कि बड़ी संख्या में लोग इस अवसर का लाभ उठाने के लिए पहुंचे।
अपर जिला जज प्रथम ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से छोटे-बड़े वादों, जैसे कि पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद, मोटर दुर्घटना दावे, और अन्य सिविल मामलों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा, बिजली बिल, पानी बिल, और अन्य विभागीय बकायों से संबंधित मामलों की वसूली में भी यह आयोजन सहायक सिद्ध हुआ।
लोक अदालत है फायदेमंद
लोक अदालत न केवल पक्षकारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह न्याय व्यवस्था पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करती है। लंबित मुकदमों की संख्या को कम करने में यह प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अपर जिला जज ने जोर देकर कहा कि यह आयोजन न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और जनहितकारी बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
लोक अदालत विवादों का तत्काल समाधान
लोक अदालत में पक्षकारों ने आपसी सहमति से अपने विवादों का समाधान किया, जिससे न केवल उनके बीच तनाव कम हुआ, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ावा मिला। गाजियाबाद जिला न्यायालय का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है, क्योंकि यह आम जनता के लिए न्याय को और अधिक सुलभ और त्वरित बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को और व्यापक स्तर पर आयोजित करने की आवश्यकता है, ताकि हर व्यक्ति को बिना विलंब के न्याय मिल सके।










