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एनसीआरटीसी ने अत्याधुनिक मेरठ मेट्रो के ट्रेन इंटीरियर और यात्री केंद्रित सुविधाओं का किया अनावरण

BPC News National Desk
8 Min Read

BPC न्यूज़ नेशनल डेस्क

 

एनसीआरटीसी ने देश की सबसे तेज “मेरठ मेट्रो” के ट्रेन इंटीरियर और यात्री केंद्रित सुविधाओं का किया अनावरण।

 

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री शलभ गोयल ने आज गाजियाबाद के दुहाई स्थित आरआरटीएस डिपो में मेरठ मेट्रो की आधुनिक, ट्रेन इंटीरियर और यात्री केंद्रित सुविधाओं का अनावरण किया। मेरठ मेट्रो, मेरठ मे क्रियान्वित किया जा रहा एक शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है, जिसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तेज और आधुनिक गतिशील परिवहन समाधान प्रदान करना है।

 

इस अवसर पर श्री शलभ गोयल ने कहा, “मेरठ मेट्रो, मेरठ शहर के परिवहन परिदृश्य में क्रांति लेकर आएगी तथा लोगो के लिए कनेक्टिविटी, उत्पादकता और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाएगी। यह एक आधुनिक, विश्वसनीय और तेज ट्रांजिट सिस्टम होगा जो यात्रा के समय और भीड़-भाड़ को कम करेगा । साथ ही इससे शहर के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

एनसीआरटीसी ने यात्रियों की जरूरतों को समझते हुए यात्रियों के लिए आरामदायक और कुशल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कई विशेषताओ को इसमे समाहित किया है।

 

मेक इन इंडिया दिशानिर्देशों के तहत, मेरठ मेट्रो के ट्रेनसेटों का 100% निर्माण भारत में किया जा रहा हैं। मेसर्स एल्सटॉम (पूर्व में मेसर्स बॉम्बार्डियर) को विनिर्माण अनुबंध दिया गया है, जिसके तहत मेरठ मेट्रो के लिए तीन कोच वाले ट्रेनसेट बनाए जायेंगे, साथ ही इसमे 15 वर्षों तक रोलिंग स्टॉक का रखरखाव भी शामिल होगा।

 

 

इन विश्व स्तरीय ट्रेनसेट का निर्माण गुजरात के सावली में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब तक पांच मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपे जा चुके हैं। मेरठ मेट्रो ट्रेन की डिज़ाइन गति 135 किमी प्रति घंटा और अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा होगी।

 

स्टेनलेस स्टील से निर्मित, अपने आधुनिक हल्के वजन के डिज़ाइन के साथ ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल हैं और रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं। साथ ही स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) की सुविधा भी इसमे शामिल है।

 

 

मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की यात्री-केंद्रित विशेषताएँ

मेरठ मेट्रो के डिज़ाइन में एक बेहद आकर्षक आधुनिक सौंदर्यबोध शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

• मेरठ मेट्रो ट्रेन वातानुकूलित है, जिसमें यात्रियों के लिए लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, यूएसबी मोबाइल चार्जिंग सुविधाएं, डायनामिक रूट मैप और कई अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

• मेरठ मेट्रो में तीन कोच हैं, जिनमें एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन आरामदायक कुशन वाली सीटें हैं, जो 2×2 ट्रांसवर्स (अनुप्रस्थ) और लॉन्गिट्यूडनल (अनुदैर्ध्य) रूप से व्यवस्थित हैं। ट्रेन में यात्रियों के बैठने हेतु 173 सीटें हैं और ट्रेन में कुल 700 से अधिक यात्री यात्रा कर सकते हैं।

 

• यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी मेट्रो स्टेशनों पर प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाए जाएंगे, जो भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे।

• ट्रेन के सभी दरवाज़ों पर पुश बटन होंगे, जिनके माध्यम से चुनिंदा दरवाजे खोलने की सुविधा मिलेगी और इससे ऊर्जा की खपत में भी कमी आएगी।

• ट्रेन में पैसेंजर इमेर्जेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपकरण भी एकीकृत हैं।

• मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच में महिला यात्रियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशिष्ट रूप से आरक्षित सीटों की व्यवस्था होगी।

• मेरठ मेट्रो के स्टेशन और ट्रेनें दोनों सार्वभौमिक रूप से प्रवेश-निकास हेतु सुलभ होंगे। ट्रेन में मेडिकल स्ट्रेचर/व्हीलचेयर के लिए समर्पित स्थान दिया गया है और वहीं मेट्रो स्टेशनों में मेडिकल स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के आवागमन के लिए बड़ी लिफ्ट्स की सुविधा उपलब्ध होगी।

• मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट का बाहरी भाग फ्लोरोसेंट हरे, नीले और नारंगी रंग का आकर्षक और आधुनिक कलर संयोजन प्रस्तुत करता है जो तकनीकी उन्नति और ‘नए भारत’ के लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।

खास बात यह है कि मेरठ मेट्रो, मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित होगी। यह एकीकरण, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को नए युग का एक समग्र और निर्बाध सार्वजनिक परिवहन माध्यम प्रदान करने कि दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस एकीकरण से बुनियादी ढांचे जैसे ओएचई, वायडक्ट, ट्रैक, सिग्नलिंग आदि के निर्माण लागत के मामले में महत्वपूर्ण बचत हुई है।

मेरठ में चार स्टेशनों, मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम पर यात्रियों के लिए नमो भारत ट्रेन सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जहां यात्री मेरठ मेट्रो से नमो भारत और नमो भारत से मेट्रो में आसानी से स्विच कर सकेंगे।

ये होंगे मेरठ के स्टेशन

मेरठ साउथ (एलिवेटेड),

परतापुर (एलिवेटेड),

रिठानी (एलिवेटेड),

शताब्दी नगर (एलिवेटेड),

ब्रह्मपुरी (एलिवेटेड),

मेरठ सेंट्रल (भूमिगत),

भैसाली (भूमिगत),

बेगमपुल (भूमिगत),

एमईएस कॉलोनी (एलिवेटेड),

दौरली  (एलिवेटेड),

मेरठ नॉर्थ (एलिवेटेड),

मोदीपुरम (एलिवेटेड) और मोदीपुरम डिपो (धरातल)।

मेरठ मेट्रो कॉरिडोर उक्त 13 स्टेशनों के साथ 23 किमी लंबा है, जिसमें 18 किमी एलिवेटेड और 5 किमी भूमिगत खंड शामिल हैं। यहां नौ स्टेशन एलिवेटेड, तीन भूमिगत और एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) धरातल (ग्रेड) पर होगा। आधुनिक मेरठ मेट्रो, मेरठ के एक छोर से दूसरे छोर तक की दूरी लगभग 30 मिनट में तय करेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री शलभ गोयल ने कहा, “आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो परियोजना तीव्र गति से आगे बढ़ रही है और हमें विश्वास है कि हम इस परियोजना को निर्धारित समय के अनुसार लोगों तक पहुंचाएंगे। हम इस परियोजना के लिए निरंतर सहयोग के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के आभारी हैं।”

मेरठ मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है और सभी स्टेशनों ने आकार लेना शुरू कर दिया है। भूमिगत सुरंग का निर्माण पूर्ण हो गया है और सभी भूमिगत स्टेशनों पर फिनिशिंग का काम किया जा रहा है। पहले से तैयार सुरंगों और वायडक्ट्स पर ट्रैक बिछाने की गतिविधियाँ वर्तमान में प्रगति पर हैं। 18 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सेक्शन में से मेरठ साउथ से मोदीपुरम स्टेशन तक वायडक्ट का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।

उल्लेखनीय है कि 20 अक्टूबर, 2023 को माननीय प्रधानमंत्री ने साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड में भारत के पहले रीज़नल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन किया और पहली नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जिसके बाद यह सेक्शन जनता के लिए संचालित हो गया। वर्तमान में साहिबाबाद और मेरठ साउथ के बीच लगभग 42 किलोमीटर लंबा खंड यात्रियों के लिए संचालित हो चुका है, जिसमें 9 आरआरटीएस स्टेशन हैं। मेरठ मेट्रो के साथ-साथ पूरा आरआरटीएस कॉरिडोर 2025 तक परिचालित होने की उम्मीद है।

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