गाजियाबाद। शहर की हाई-राइज़ सोसायटियों, शॉपिंग मॉल्स और कॉर्पोरेट कंपनियों में तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स तथा बाउंसर्स की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निवासियों, विजिटर्स और आम नागरिकों से बदसलूकी, धमकी और रौब झाड़ने की बढ़ती शिकायतों पर गाजियाबाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। जिलाधिकारी रविन्द कुमार माँदड़ ने स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सुरक्षा के नाम पर डर दिखाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा। वर्दी, व्यवहार और भाषा—तीनों पर अब प्रशासन की पैनी नजर रहेगी।
सुरक्षा के नाम पर मनमानी बंद
डीएम माँदड़ ने बताया कि कई मामलों में सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर्स गेट पर खड़े होकर निवासियों से पूछताछ के बहाने तेज आवाज में बात करते हैं, धमकाते हैं और अनावश्यक रुकावटें पैदा करते हैं। यह न केवल असुविधा का कारण बनता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों का हनन भी है। “सुरक्षा प्रदान करना गार्ड्स का कर्तव्य है, लेकिन डर पैदा करना गुंडागर्दी है। अब ऐसी हरकतें थाने ले जाएंगी,” डीएम ने कड़े लहजे में कहा।

प्रशासन ने सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स (आरडब्ल्यूए), एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स (एओए) और प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने गार्ड्स को तुरंत व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करें। इसमें विनम्र भाषा, शिष्टाचार और कानूनी सीमाओं की जानकारी शामिल होगी। गाली-गलौज, बदसलूकी या धमकी देने पर सीधी कानूनी कार्रवाई होगी—बिना किसी पूर्व चेतावनी के।
शिकायत मिलते ही एक्शन
नियमों का दायरा व्यापक है। यह केवल हाई-राइज़ सोसायटियों तक सीमित नहीं, बल्कि मॉल्स, कॉलोनी गेट्स, निजी संस्थानों और कंपनियों पर भी लागू होगा। किसी भी निवासी, विजिटर या आम नागरिक की शिकायत पर तत्काल जांच और कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। डीएम ने जोर देकर कहा, “सुरक्षा देने वाले अब डर नहीं फैला सकते। जो ऐसा करेंगे, उनकी जगह गेट पर नहीं, थाने में होगी।”
प्रशासन की नई गाइडलाइन
वर्दी: सभी गार्ड्स को एकसमान, साफ-सुथरी और मानक वर्दी पहननी अनिवार्य। कोई व्यक्तिगत स्टाइल या धमकी भरा लुक बर्दाश्त नहीं।व्यवहार: विनम्रता और सहयोगपूर्ण रवैया। तेज आवाज, धमकी या अनावश्यक पूछताछ पर सख्ती।
भाषा: शिष्ट हिंदी/अंग्रेजी का प्रयोग। गाली-गलौज या अपशब्दों पर तुरंत एफआईआर।

यह कदम शहरवासियों के लिए राहत की खबर है, जो लंबे समय से ऐसी समस्याओं से जूझ रहे थे। प्रशासन का कहना है कि यह कदम नागरिक सुरक्षा को मजबूत बनाएगा, न कि कमजोर। आने वाले दिनों में सिक्योरिटी एजेंसियों की मॉनिटरिंग बढ़ाई जाएगी, ताकि नियमों का पूर्ण पालन हो।










