उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस विभाग को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। साहिबाबाद थाना क्षेत्र के एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर इरशाद मलिक की जन्मदिन पार्टी में चार पुलिसकर्मियों के बार बालाओं के साथ डांस करते और शराब के नशे में धुत होकर ठुमके लगाते एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर सनसनी फैला दी, बल्कि पुलिस की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो के वायरल होते ही डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया।
Ghaziabad वायरल वीडियो ने खोली पोल
सोमवार शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक 22 सेकंड का वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें सादी वर्दी में चार पुलिसकर्मी एक बार में जश्न मनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में उनके हाथों में बीयर की बोतलें हैं और वे बार डांसर्स के साथ संगीत की धुन पर झूमते-नाचते दिख रहे हैं। पार्टी का आयोजन हिस्ट्रीशीटर इरशाद मलिक के जन्मदिन के लिए किया गया था, जो साहिबाबाद थाने का जाना-माना अपराधी है।
इरशाद पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें चोरी, मारपीट और अन्य गुंडागर्दी के आरोप शामिल हैं।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी न केवल पार्टी में शरीक हुए, बल्कि नशे में डूबकर बार बालाओं संग खुलकर डांस भी कर रहे थे। यह दृश्य देखकर सोशल मीडिया यूजर्स ने पुलिस पर भारी आलोचना की मंशा जाहिर की। कई यूजर्स ने टिप्पणियां करते हुए कहा कि “पुलिस अपराधियों के साथ दोस्ती निभा रही है, तो आम जनता का क्या होगा?” वीडियो की पहचान होते ही पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया।
Ghaziabad निलंबन की कार्रवाई
डीसीपी की त्वरित प्रतिक्रियामामले की जानकारी मिलते ही डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने फौरन जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में वीडियो की प्रामाणिकता सत्यापित होने के बाद उन्होंने चारों पुलिसकर्मियों चौकी प्रभारी आशीष कुमार जादौन, सिपाही अमित, योगेश और ज्ञानेंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
डीसीपी पाटिल ने कहा, “यह विभाग की छवि को धूमिल करने वाली घटना है। निलंबन के साथ-साथ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”निलंबित पुलिसकर्मी साहिबाबाद थाने की सीमा चौकी पर तैनात थे।
सूत्रों के अनुसार, ये सभी इरशाद मलिक के जन्मदिन समारोह में आमंत्रित मेहमानों की तरह शामिल हुए थे। यह घटना पुलिस की आंतरिक अनुशासनहीनता को उजागर करती है, खासकर तब जब विभाग लगातार अपराधियों के खिलाफ सख्ती का दावा करता रहता है।
Ghaziabad घटना का पृष्ठभूमि और प्रभाव
गाजियाबाद में हाल के वर्षों में हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हुई है, लेकिन ऐसी घटनाएं विभाग की विश्वसनीयता को कमजोर करती हैं। इरशाद मलिक जैसे अपराधी इलाके में दहशत का पर्याय हैं, और पुलिसकर्मियों का उनके साथ इस तरह का ‘दोस्ताना’ व्यवहार न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए खतरा भी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पुलिस प्रशिक्षण और नैतिकता पर पुनर्विचार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने हजारों व्यूज हासिल कर लिए हैं, और अब लोग विभाग से पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।
क्या यह निलंबन केवल औपचारिकता है या वास्तविक सुधार लाएगा, यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल, गाजियाबाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित दस्तावेज जमा करा लिए हैं।










