सुमन मिश्रा गाज़ियाबाद
“100 वार्ड करने से रेबीज मुक्त” अभियान आज पहुंचा एस एस के पब्लिक स्कूल प्रताप विहार
रेबीज से सावधान रहने के लिए डॉक्टर बी.पी.एस. त्यागी ने दी बच्चो को जानकारी :-
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गाजियाबाद“कैसे बचे रेबीज से गाजियाबाद के जाने माने नाक, कान और गले के वरिष्ठ डॉक्टर और अवेकनिंग इंडिया के डायरेक्टर डॉक्टर बी.पी.एस त्यागी जी ने यह जानकारी आज एस.एस. के.पब्लिक स्कूल प्रताप विहार में बच्चो को गाजियाबाद रेबीज मुक्त अभियान के अंतरगत दी।
उन्होंने बच्चो और स्कूल की अध्यापिकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अवेकनिंग इंडिया और एस.बी.एन. स्कूल के सहयोग से गाजियाबाद के स्कूल में बच्चो को रैबीज मुक्त रहने की जानकारी लगातार दी जा रही है और अब तक लगभग 1000 स्कूली बच्चो तक यह जानकारी पहुंच चुकी है,

रेबीज के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक जानलेवा बीमारी है जो कि कुत्ता,बिल्ली,बन्दर,गिलहरी,चूहा इत्यादि की काटने से फैलती है और इसका उपचार तुरंत ना किया जाए तो इसमें पीड़ित की जान चली जाती है|
उन्होंने रेबीज के टीकाकरण को विस्तार से बताया कि किस तरह टीकाकरण करना चाहिए और यदि जानवर का दांत गढ़ जाता है तो उसी जगह सीरम लगाना अति आवश्यक होता है और पालतू जानवरो को कैसे टीकाकरण करए इस कि भी जानकारी दी
इसके अलावा उन्होंने ई.एन.टी. से जुडी बीमारियों के बारे में भी बच्चो को जानकारी दी सभी बच्चो और अध्यापिकाओं ने बड़े ही धयानपूर्वक सभी जानकारियों को सुना और समझा और भविष्य में इसको आगे और लोगो तक पहुंचने की शपथ भी ली|

एस.बी.एन. स्कूल के डायरेक्टर तरुण रावत जी ने गाजियाबाद के सभी स्कूलों तक यह जानकारी पहुंचाने का संकल्प लिया और कहा कि वह अवेकनिंग इंडिया के साथ है और अपना पूरा सहयोग देते रहेंगे
एक दिन गाजियाबाद को “गाजियाबाद रेबीज मुक्त” शहर बनाएगे एस.एस.के.पब्लिक स्कूल डायरेक्टर श्री कमल जी ने कहा की जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि गाजियाबाद के वरिष्ट डॉक्टर बी.पी.एस. त्यागी जी उनके स्कूल में गाजियाबाद रेबीज मुक्त अभियान की जानकारी देने आ रहे है,
उन्हें बहुत गौरव महसूस हुआ कि डॉक्टर सहाब ने इसके लिए उनके स्कूल का चयन किया और इसलिए उन्होंने तुरंत अपनी सहमति दे दी उन्होंने कहा की यह उनके लिए और उनके स्कूल की लिए बहुत ही गौरव की बात है कि वह और उनका स्कूल इस अभियान का हिस्सा बनेगा और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम अपने स्कूल में कराते रहेंगे।










