रायबरेली, 14 नवंबर 2025: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली का बड़ा रैकेट बेनकाब हुआ है। मोटर मालिकों की शिकायत पर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने लालगंज क्षेत्र में छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि एआरटीओ प्रवर्तन समेत नौ अन्य फरार हैं। पुलिस ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। जांच में कई और राज खुलने की संभावना है।
मोटर मालिकों ने सीएम को लिखा था पत्र
यह मामला तब सामने आया जब रायबरेली-लालगंज-फतेहपुर मार्ग पर चलने वाले ट्रक मालिकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अवैध वसूली का दर्द बयां किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवरलोड ट्रकों को पास कराने के नाम पर दलालों और परिवहन विभाग के अधिकारियों का गिरोह लाखों रुपये की वसूली कर रहा था। ट्रक चालकों को धमकाया जाता था और बिना रिश्वत दिए गैर जनपद में प्रवेश नहीं करने दिया जाता।

शिकायत मिलते ही STF ने कार्रवाई की। लालगंज कोतवाली में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें एआरटीओ प्रवर्तन अम्बुज कुमार, पीटीओ (पर्सनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर) रेहाना बानो, दलाल मोहित सिंह और अन्य शामिल हैं।
STF की छापेमारी: दो गिरफ्तार, वाहनों की सूची बरामद
STF की टीम ने लालगंज क्षेत्र में दबिश देकर दलाल मोहित सिंह और एक ट्रक चालक को पकड़ा। मोहित के पास से ओवरलोड ट्रकों की विस्तृत सूची बरामद हुई, जिसमें दर्जनों वाहनों के नंबर, मालिकों के नाम और वसूली की राशि का हिसाब था। जांच में पता चला कि यह गिरोह रायबरेली से लालगंज होते हुए फतेहपुर और अन्य गैर जनपदों में ट्रकों को अवैध रूप से पास कराता था।
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
नौ आरोपी फरार, तलाश तेज
एफआईआर में नामजद एआरटीओ प्रवर्तन अम्बुज कुमार, पीटीओ रेहाना बानो समेत नौ आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस ने उनकी तलाश के लिए कई टीमों का गठन किया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ आरोपी विभागीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और फरार होने की फिराक में थे।
जांच सौंपी गई सीओ लालगंज को
मामले की गंभीरता को देखते हुए लालगंज कोतवाल अमित सिंह को विवेचना सौंपी गई है। सीओ अमित सिंह ने बताया, “हम सभी पहलुओं की गहन जांच कर रहे हैं। बरामद दस्तावेजों से कई और लोग जुड़े हो सकते हैं। जल्द ही फरार आरोपियों को पकड़ा जाएगा।”

कई और राज खुलने की संभावना
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह रैकेट लंबे समय से चल रहा था। दलाल ट्रक चालकों से 5,000 से 20,000 रुपये प्रति ट्रिप वसूलते थे, जिसमें से बड़ा हिस्सा अधिकारियों को जाता था। ओवरलोड ट्रकों को बिना चेकिंग के पास कराने का खेल रायबरेली से फतेहपुर तक फैला हुआ था। बरामद सूची से कई अन्य जिलों के ट्रक मालिकों के नाम भी सामने आए हैं, जिससे जांच का दायरा बढ़ सकता है।
परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन ने भी हाई अलर्ट जारी किया है और चेकिंग पोस्ट्स पर निगरानी बढ़ा दी है।
मोटर मालिकों में राहत, लेकिन सवाल बरकरार
ट्रक मालिकों ने STF की कार्रवाई का स्वागत किया है। एक मालिक ने कहा, “हम महीनों से परेशान थे। अब उम्मीद है कि यह रैकेट पूरी तरह खत्म होगा।” हालांकि, सवाल यह है कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की यह जड़ कितनी गहरी है और क्या सभी दोषी पकड़े जाएंगे?
पुलिस और STF की संयुक्त टीम अब डिजिटल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।










