नेशनल डेस्क
दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ग्रीन पटाखों के निर्माण को मिली अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने प्रमाणित निर्माताओं को क्षेत्र में ग्रीन पटाखों का निर्माण करने की अनुमति दे दी है, लेकिन उनकी बिक्री पर रोक बरकरार रखी है। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और उद्योग के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
Delhi -NCR फैसले का पृष्ठभूमि
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या लंबे समय से गंभीर बनी हुई है। सर्दियों के मौसम में पटाखों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2025 में दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरे साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था, जो पहले केवल सर्दी के मौसम तक सीमित था। इस प्रतिबंध से पटाखा उद्योग को भारी नुकसान हुआ था, और कई निर्माताओं ने अदालत में अपील की थी।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध व्यावहारिक नहीं है और इसमें संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है।
अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरे साल के प्रतिबंध पर पुनर्विचार करे। तब तक, ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दी गई है, जो पर्यावरण के अनुकूल माने जाते हैं और कम प्रदूषण फैलाते हैं।
Delhi -NCR फैसले की मुख्य बातें
निर्माण की अनुमति: केवल वे निर्माता जिनके पास राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) या पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) से प्रमाणन है, वे ग्रीन पटाखे बना सकेंगे।
बिक्री पर रोक:
निर्माण की अनुमति मिलने के बावजूद, दिल्ली-एनसीआर में इन पटाखों की बिक्री या उपयोग पर प्रतिबंध बना रहेगा। निर्माता इन्हें अन्य राज्यों में निर्यात कर सकते हैं।
मात्रा का घोषणा:
निर्माताओं को उत्पादित पटाखों की मात्रा की घोषणा करनी होगी, ताकि निगरानी की जा सके।
पुनर्विचार की मांग:
अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह विशेषज्ञों के साथ मिलकर प्रतिबंध की समीक्षा करे और रिपोर्ट सौंपे।
यह फैसला पटाखा उद्योग के लिए राहत भरा है, जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उद्योग प्रतिनिधियों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन वे बिक्री की अनुमति की मांग कर रहे हैं।
Delhi -NCR पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम हानिकारक होते हैं, क्योंकि इनमें बैरियम जैसे रसायनों का उपयोग नहीं होता। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी प्रकार के पटाखे प्रदूषण बढ़ाते हैं, खासकर दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ का मानना है कि यह प्रदूषण नियंत्रण में ढील दे सकता है, जबकि अन्य इसे व्यावहारिक कदम मानते हैं।
Delhi -NCR आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में दिवाली जैसे त्योहारों पर असर डालेगा। पिछले सालों में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद अवैध बिक्री होती रही है, जिससे प्रवर्तन की चुनौती बनी हुई है। केंद्र सरकार को अब जल्द ही अपनी समीक्षा रिपोर्ट पेश करनी होगी, जो भविष्य के फैसलों को प्रभावित करेगी।
यह फैसला प्रदर्शित करता है कि अदालत पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए भी आर्थिक पहलुओं को नजरअंदाज नहीं कर रही है। उम्मीद है कि इससे दिल्ली की हवा साफ रखने में मदद मिलेगी, साथ ही उद्योग को भी सहारा मिलेगा।











