विकसित भारत@2047 का लक्ष्य हासिल करने के लिए अगर एक चीज सबसे जरूरी है तो वह है शहरों की बुनियादी सुविधाएँ – कूड़ा निस्तारण, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, साफ-सुथरी सड़कें। बिना इनके चमचमाते फ्लाईओवर और ऊँची इमारतें सिर्फ दिखावा हैं। यही सन्देश लेकर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों का राष्ट्रीय संगठन ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए’ (कोरवा) 22 नवम्बर को दिल्ली में अपनी 12वीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रहा है।
आज गाजियाबाद के नवयुग मार्केट स्थित उडुपी रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वीर चक्र विजेता कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी (से.नि.) ने तीखा सवाल उठाया, “क्या बिना अच्छी म्युनिसिपल सर्विस के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है?”

हर नगर निगम में QRT टीम और वर्टिकल गार्डनिंग की मांग
उन्होंने कहा, “कूड़ा निस्तारण के नाम पर सालों से खुले में डंपिंग हो रही है। अगर कोई नागरिक एक कचरा खुले में फेंके तो चालान, लेकिन नगर निगम दशकों से यही कर रहा है तो वह बड़ा अपराध नहीं? सड़कों के गड्ढों के लिए हर नगर निगम में क्विक रिएक्शन टीम (QRT) होनी चाहिए जो शिकायत मिलते ही मौके पर पहुँच कर गड्ढा भर दे। इससे सड़क की उम्र बढ़ेगी और सरकारी खजाने का पैसा भी बचेगा।”
सम्मेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नायक करेंगे उद्घाटन
कोरवा-उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. पवन कौशिक ने बताया कि 22 नवम्बर को गांधी स्मृति (राजघाट) के सत्याग्रह मंडप में होने वाली इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक करेंगे। मुख्य अतिथियों में जम्मू-कश्मीर के विधायक श्री बलवंत सिंह मांगोटिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री विजय गोयल, आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार श्री राजन छिब्बर, दिल्ली नगर निगम पर्यावरण समिति के चेयरमैन श्री संदीप कपूर आदि शामिल होंगे। कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि भाग लेंगे। कॉन्फ्रेंस के लिए एक भव्य स्मारिका भी प्रकाशित की जा रही है।

कोरवा – यूपी के मुख्य सलाहकार डॉ. आर.के. आर्य ने गाजियाबाद के वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाते हुए कहा, “यह शहर सारे रिकॉर्ड तोड़ चुका है। मीटर भी जवाब दे रहे हैं, क्योंकि VOC (वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड) को अभी तक आधिकारिक मापदंड में शामिल ही नहीं किया गया। क्या हर शहर में हफ्ते में एक ‘कार फ्री डे’ और सभी मेट्रो पिलर्स-फ्लाईओवर पर वर्टिकल गार्डनिंग शुरू करना इतना मुश्किल है? इसका असर तुरंत दिखेगा।”
महासचिव श्री जय दीक्षित ने बताया कि इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय का पूर्ण सहयोग प्राप्त है। कॉन्फ्रेंस में पारित प्रस्तावों पर सरकार गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दे चुकी है।
वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. आर.पी. शर्मा ने जोर देकर कहा, “जो काम आरडब्ल्यूए बेहतर और कम खर्च में कर सकती हैं, उसे नगर निगम न करे। सहभागिता और जिम्मेदारी का बंटवारा ही विकसित भारत की कुंजी है।”
RWAs बोलीं—“ऊँची इमारतें नहीं, साफ-सुथरी नगर सेवाएं चाहिए”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नेम पाल चौधरी, संध्या त्यागी, एम.एल. वर्मा, मधु सिंह, मोनिका गोयल, अंजू शर्मा, स्वाति बंसल, संजय शर्मा आदि ने एक स्वर में कहा, “हमें नई-नई ऊँची इमारतें नहीं चाहिए। हमें चाहिए – साफ-सफाई, चौबीसों घंटे पानी, बंद नाले, जलती स्ट्रीट लाइट्स और गड्ढा-मुक्त सड़कें। यही असली स्मार्ट सिटी है।”
22 नवम्बर की यह कॉन्फ्रेंस देश भर के लाखों अपार्टमेंट वासियों की आवाज को दिल्ली के सबसे पवित्र स्थल – गांधी स्मृति से बुलंद करने जा रही है। शायद यही वह सत्याग्रह है जो 2047 के विकसित भारत की नींव मजबूत करेगा।











