(सुमन मिश्रा गाज़ियाबाद )
केंद्रीय माल और सेवाकर, गा.बाद आयुक्तालय के हापुड़ चुंगीस्थित नवनिर्मित परिसर को GRIHA Council द्वारा GRIHA रेटिंग के अन्तर्गत वर्ष 2024 के लिए “Passive Architecture Design” हेतु “Exemplary Performance Award” दिया गया।
इस अवसर पर आयुक्त श्री संजय लवानिया ने Renewable Sources को भविष्य के स्थापत्य की नींव बताया । उन्होंने इस बात पर गहरी प्रसन्नता ज़ाहिर की किसी GST गाज़ियाबाद आयुक्तालय के नवनिर्मित परिसर को सततपोषणीय स्थापत्य (Sustainable Architecture) के मानकों के अनुरूप बनाया गया है। उन्होंने यह विश्वास जताया कि भविष्य में यह परिसर सततपोषणीय स्थापत्य की दिशा में अन्य स्थापनाओं के लिए आदर्श बनेगा।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस परिसर में सौर्य ऊर्जा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, हरित क्षेत्र संवर्धन, नवीनतम सुरक्षा मानकों के अनुपालन का ध्यान रखा गया है। परिसर का निर्माण Sun Path Diagram के अनुसार किया गया जिससे परिसर में प्राकृतिक रोशनी के लिए धूप का सर्वाधिक प्रयोग हो सके और परिसर के भीतर गर्मी भी न बढ़ पाये।
सभी बाहरी दीवारों में रॉक वूल भरा गया है, जो थर्मल इंसुलेशन में सहायक होता है और इससे ऐसी (AC) संयंत्र कम बिजली की खपत करेगा। इस परिसर के पास अपना सॉलिड वेस्ट डीकंपोज़िशन संयंत्र और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है। परिसर की पार्किंग में बिजली चालित वाहनों के लिये चार्जिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
इस परिसर की संकल्पना को मूर्त रूप देने में वर्तमान आयुक्त श्री संजय लवानिया की दूरदर्शिता की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रत्येक चरण में उन्होंने हरित मानकों के पालन पर ज़ोर दिया और इस संबंध में गंभीर विचार विमर्श हेतु विशेष परिचर्चाएँ की।
वर्तमान में कार्यालय में कार्यरत अपर आयुक्त श्री आलोक सिंह एवं संयुक्त आयुक्त श्री अरुण कुमार द्विवेदी इस परिसर को अंतिम स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कार्यालय के पूर्व आयुक्त श्री जोगीरंजन पाणिग्रही एवं श्री आलोक झा ने भी परिसर निर्माण के शुरुआती दौर में इसे दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आयुक्तालय को यह पुरस्कार गृह परिषद (GRIHA Council) द्वारा दिया गया है। गृह परिषद एक प्रमुख संगठन है जो भारत में इमारतों और आवासीय परियोजनाओं को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से मूल्यांकन और प्रमाणित करता है।
इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना और ऊर्जा के उपयोग को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना है। GRIHA, “ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट एसेसमेंट” का संक्षिप्त रूप है, जो एक भारतीय पर्यावरणीय मानक है, जो इमारतों को उनके ऊर्जा उपयोग, जल प्रबंधन, सामग्रियों की दक्षता, और अन्य पर्यावरणीय कारकों के आधार पर रेटिंग प्रदान करता है।










