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प्रदेश सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति आरटीई के तहत लाखों बच्चो को दिला सकती है “शिक्षा का अधिकार”

BPC News National Desk
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आरटीई के दाखिले नहीं देने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करे सरकार – सीमा त्यागी

आरटीई के तहत गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने की मांग तेज

प्रदेश में निःशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के अंतर्गत दुर्बल वर्ग एवं अलाभित समूह के बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने की मांग एक बार फिर मजबूती से उठी है। इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा त्यागी ने सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जो निजी स्कूल आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों को दाखिला नहीं देते, उनकी मान्यता बिना किसी चेतावनी के रद्द की जाए।

दिसंबर से शुरू होगी RTE एडमिशन प्रक्रिया 2026-27

सीमा त्यागी ने बताया कि शिक्षा सत्र 2026-27 के लिए आरटीई के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह से शुरू होने जा रही है। यदि प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाएं, तो निजी स्कूलों में निर्धारित 25 प्रतिशत सीटों पर लाखों गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाया जा सकता है।

जागरूकता के अभाव में वंचित रह जाते हैं पात्र अभिभावक

उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत आवेदन करने वाले अधिकतर अभिभावक गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। जानकारी के अभाव में वे आवेदन प्रक्रिया से ही वंचित रह जाते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए।

सरकार से व्यापक प्रचार अभियान चलाने की अपील

सीमा त्यागी ने मांग की कि जिस प्रकार सरकार अन्य योजनाओं के लिए प्रचार करती है, उसी प्रकार आरटीई दाखिलों के लिए भी:

  • सोशल मीडिया अभियान चलाया जाए

  • नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएं

  • जनसंवाद कार्यक्रम हों

  • सभी जिलों के मुख्य चौराहों पर पोस्टर लगाए जाएं

ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों तक आरटीई की जानकारी पहुंच सके और उनके बच्चों को स्कूल में पढ़ने का अवसर मिले।

नियम तोड़ने वाले स्कूलों पर हो सख्त कार्रवाई

उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि इस बार उन स्कूलों को सिर्फ नोटिस और चेतावनी देने के बजाय सीधे उनकी मान्यता रद्द की जाए जो आरटीई के तहत चयनित बच्चों को दाखिला देने से इनकार करते हैं। इससे किसी भी निजी स्कूल में कानून की अवहेलना करने की हिम्मत नहीं होगी।

अंतिम अपील

सीमा त्यागी ने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और सरकार का कर्तव्य है कि कोई भी निजी स्कूल गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित न कर सके। सख्त कार्रवाई ही इस व्यवस्था को मजबूत बना सकती है।

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