सुमन मिश्रा गाज़ियाबाद
हम भव्य रामलीला कराने के पक्ष में है परन्तु गंभीर आरोपों से घिरा व्यक्ति बर्दाश्त नहीं : वीरेन्द्र बाबू वर्मा।
संजय नगर रामलीला कमेटी के दुसरे पक्ष और कमेटी के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र बाबू वर्मा ने कमेटी के विवाद पर कहा कि 19 सितम्बर को डिप्टी रजिस्ट्रार के समक्ष दोनों पक्षों की ओर से अपनी बात कहते हुए अपने पत्रक पेश किये गए।
जिसकी गहन जांच के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने दोनों पक्षों का अध्यक्ष पद का चुनाव निरस्त करते हुए। कमेटी की अंतिम रजिस्टर्ड 2014 की कमेटी पर पुनः चुनाव कराने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को नियुक्त किया है।

आज की परिस्थितियों में ना में अध्यक्ष हूँ और ना संजीव चौधरी अध्यक्ष है। हम दोनों एक ही संस्था के केवल सदस्य मात्र है। और हमारे पक्ष ने ही कमेटी के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की है।
वीरेन्द्र बाबू वर्मा ने संजीव चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह व्यक्ति पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से बिना नवीनीकरण के ही रामलीला कमेटी पर अपना कब्जा जमाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करता रहा है।

संजीव चौधरी का चुनाव भी इसलिए निरस्त हुआ है क्योंकि उसने कमेटी के बाहर के लोगों के बीच चुनाव कराकर स्वयं को फर्जी अध्यक्ष धोषित किया है। इसके ऊपर अपने सगे भांजे की पत्नी ने महिला थाने में रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। तथा मनोज तोमर नाम के एक व्यापरी ने इसके ऊपर पत्नी से छेड़छाड़, अपहरण और गोली मारने की एक शिकायत थाना मधुबन बापूधाम में दर्ज कराई थी।
अभी हाल ही में इसके महामंत्री ने इसके ऊपर कमेटी के चंदे की चोरी चोरी का आरोप लगाते हुए साक्ष्य के रूप में मोटरसाइकिल से चोरी करते हुए एक वीडियो भी वायरल की थी। जिसके विषय में एक तहरीर महामंत्री ने संजय नगर चौकी इंचार्ज को लिखी थी। तथा हाल ही में थाना मधुबन बापूधाम ने मारपीट और गाली गलौज देने की धाराओं में एक चार्जशीट इसके खिलाफ कोर्ट में दाखिल की है।

ऐसे ही गंभीर आरोपों के चलते समाजवादी पार्टी ने एक बार इसको पदमुक्त करते हुए निष्काषित भी किया था। तथा जब डिप्टी रजिस्ट्रार का आदेश 20 सितम्बर को आ चुका है। तब भी संजीव चौधरी अपने आपको कमेटी का अध्यक्ष धोषित करते हुए लोगों को भ्रमित कर अवैध रूप से क्षेत्र में चंदा वसूली कर रहा है।
वीरेन्द्र बाबू वर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि धर्म और श्रीराम जी का काम आस्था और इमानदारी से होना चाहिए। और संजय नगर की रामलीला बहुत भव्य और ऐतिहासिक होनी चाहिए। हम रामलीला कराने के पक्ष में है। परन्तु उसका नेतृत्व करने वाला स्वच्छ और इमानदार छवि का होना चाहिए।
अब संजीव चौधरी कमेटी का अध्यक्ष भी नहीं है। और जो अनुबंध और परमिशन इनको मिली है। वह रामलीला कमेटी के अध्यक्ष को मिली है। और जब सरकार द्वारा दोनों अध्यक्षों को हटा दिया गया है। तो परमिशन और अनुबंध स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। तो रामलीला करने का हक भी किसी को नहीं है। इसलिए हम यह मांग करते हैं कि प्रशासन की देखरेख में रामलीला का आयोजन किया जाये।










