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दिल्ली ब्लास्ट मामले में बड़ी कार्रवाई: पुलवामा में आतंकी उमर नबी के घर को IED से उड़ाया

BPC News National Desk
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श्रीनगर/नई दिल्ली, 14 नवंबर 2025: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए भयानक कार बम धमाके ने पूरे देश को हिला दिया था। इस हमले में 13 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। जांच में सामने आया कि इस घटना का मास्टरमाइंड जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला डॉक्टर उमर नबी था। अब सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए उमर नबी के पैतृक आवास को ध्वस्त कर दिया है। गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि को पुलवामा के कोइल गांव में हुई इस कार्रवाई में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया, जिससे दो मंजिला मकान मलबे का ढेर बन गया।

हमले का काला अध्याय: लाल किले के पास विस्फोट

10 नवंबर की शाम करीब 6:52 बजे दिल्ली के पुराने शहर में लाल किले के नजदीक चांदनी चौक इलाके में एक सफेद हुंडई i20 कार में विस्फोट हो गया। यह वाहन विस्फोटकों से लदा था, जिसमें 20 क्विंटल से अधिक NPK उर्वरक और अन्य खतरनाक सामग्री भरी हुई थी। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि आसपास की कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और सड़क पर मलबा बिखर गया। शुरुआती रिपोर्ट्स में 9 मौतों का जिक्र था, लेकिन बाद में आंकड़ा बढ़कर 13 हो गया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

जांच एजेंसियों ने ब्लास्ट साइट से बरामद हड्डियों, दांतों के टुकड़ों और जले हुए कपड़ों के डीएनए टेस्ट के जरिए पुष्टि की कि कार को डॉ. उमर नबी ही चला रहा था। सीसीटीवी फुटेज में भी दिखा कि उमर ने दिल्ली में प्रवेश करते समय टोल मैन्युअल रूप से चुकाया था और कैमरे की तरफ सीधा देखा था। उसके पीछे की सीट पर एक बड़ा बैग था, जिसमें IED छिपा हुआ होने का शक है।

उमर नबी कौन है? एक पढ़े-लिखे डॉक्टर का कट्टरपंथी सफर

उमर नबी भट (जन्म: 24 फरवरी 1989) पुलवामा के कोइल गांव का निवासी था। वह फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के तौर पर काम करता था और अपने सर्कल में एक योग्य पेशेवर के रूप में जाना जाता था। लेकिन पिछले दो सालों में वह धीरे-धीरे कट्टरपंथ की ओर बढ़ गया। जांच में पता चला कि उमर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) के एक ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ का हिस्सा था। यह मॉड्यूल विदेशी हैंडलर ‘उकासा’ (तुर्की से जुड़ा) के निर्देशन में काम कर रहा था, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क से लिंक था।

उमर का भाई आदिल भी गिरफ्तार है, जो मॉड्यूल के सदस्यों और हैंडलर के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता था। अन्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन शाहिद भी कश्मीर के डॉक्टर हैं, जो 2018 से उमर के संपर्क में थे। इस ग्रुप ने स्विट्जरलैंड आधारित एन्क्रिप्टेड ऐप ‘थ्रीमा’ का इस्तेमाल कर प्लानिंग की। फरीदाबाद मॉड्यूल से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए गए, जो गुड़गांव और नूह से खरीदे गए थे। कुल 25 लाख रुपये की फंडिंग भी बरामद हुई, जो IED कंपोनेंट्स खरीदने में खर्च हुई।

कार्रवाई का विवरण: IED से उड़ा आशियाना

सुरक्षा बलों ने गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब 2:30 बजे पुलवामा के कोइल गांव में सघन घेराबंदी की। उमर के दो मंजिला मकान को नियंत्रित विस्फोट से ध्वस्त कर दिया गया। वीडियो फुटेज में मलबा, मुड़े हुए लोहे के शीट और टूटे दीवारों का मलबा दिखाई दे रहा है। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों के संयुक्त अभियान का हिस्सा थी। अधिकारियों ने बताया कि मकान से विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। पूरे इलाके को सील कर दिया गया था, और अब जांच जारी है।
इसके अलावा, दिल्ली और एनसीआर में हाई अलर्ट जारी है। फरीदाबाद में छापेमारी के दौरान उमर और मुजम्मिल के डायरी व नोटबुक जब्त की गईं, जो हमले की प्लानिंग का खुलासा कर सकती हैं। एक अन्य संदिग्ध मुजफ्फर के लिए अफगानिस्तान के नंगरहर में लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है।

लाल किला ब्लास्ट मास्टरमाइंड का अंत! सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई
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प्रतिक्रियाएं: आतंक के खिलाफ मजबूत इरादा

इस कार्रवाई पर राजनीतिक हलकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, “आतंकियों को किसी भी तरह की छूट नहीं मिलनी चाहिए। सरकार की जांच का समर्थन करता हूं।” पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही इस हमले को ‘कायरतापूर्ण’ बताते हुए सख्त जांच का ऐलान किया था।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उमर जैसे पढ़े-लिखे लोगों का कट्टरपंथ की ओर मुड़ना चिंता का विषय है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता ने बड़े नुकसान को रोका। अब सवाल यह है कि क्या यह सिलसिला रुकेगा, या आतंकी नेटवर्क नई साजिश रचेगा?

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