BPC न्यूज़ ब्यूरो -: जिसको समझा कुलदेवता वह निकला डायनोसौर का अंडा।
मध्य प्रदेश के धार जिले के एक गांव में डायनासोर के अंडे को पूजने का मामला सामने आया है। दरअसल, लोगों ने खुदाई के दौरान निकले पत्थरनुमा वस्तु को अपना कुलदेवता मान लिया।
उसकी पूजा भी शुरू कर दी। अब तक धार जिले में 120 किलोमीटर के क्षेत्र में लगभग 256 डायनासोर के अंडे पाए गए हैं। वैज्ञानिकों ने इनका संरक्षण शुरू कर दिया गया है।
ग्राम वासी इन अंडो को कक्कड़ भैरव के नाम से संबोधित करते थे। इस बीच जब वैज्ञानिकों की टीम ने इस आकृति की जांच की तो पता चला कि यह गोलाकार आकृति किसी के कुलदेवता नहीं, बल्कि सदियों पूर्व लुप्त हो चुके डायनासोर के अंडे हैं।
इसी तरह अन्य गांवों झाबा, अखाड़ा, जामन्यापुरा और ताकारी में भी ग्रामीण ऐसे ही पत्थरों को पूजते रहे। यह सभी पत्थर उन्हें खुदाई के दौरान मिले थे। रिपोर्ट्स के अनुसार धार जिले में अब तक 120 किलोमीटर के क्षेत्र में करीब 256 डायनासोर के अंडे मिल चुके हैं।
बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज (BSIP) लखनऊ के निदेशक एमजी ठक्कर के अनुसार उनके नेतृत्व में पैलियो वैज्ञानिकों की टीम ने इलाके का दौरा किया है।
मध्य प्रदेश प्रशासन का कहना है कि यहां मिले जीवाश्म राष्ट्रीय विरासत हैं। इनका संरक्षण करना सभी का कर्तव्य है।










