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दिल्ली धमाके का आगरा कनेक्शन: एमडी डॉक्टर परवेज अंसारी हिरासत में, संदिग्ध डॉ. शाहीन का सगा भाई

BPC News National Desk
7 Min Read

नई दिल्ली/आगरा, 12 नवंबर 2025: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए भीषण धमाके की जांच तेज हो गई है। मृत्यु संख्या 13 तक पहुंच चुकी है, और जांच एजेंसियां अब आगरा के एक प्रमुख मेडिकल कॉलेज तक पहुंच गई हैं। आगरा से एमडी करने वाले डॉ. परवेज अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है, जो दिल्ली धमाके की मुख्य संदिग्ध डॉ. शाहीन शाहिद अंसारी का सगा भाई बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह धमाका एक आत्मघाती हमला था, जिसे फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. उमर मोहम्मद ने अंजाम दिया। धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, और अब ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की परतें खुल रही हैं।

धमाके का विवरण: आई-20 कार में विस्फोट, उमर की मौत

सोमवार शाम करीब 6:50 बजे दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक सफेद ह्यूंडई आई-20 कार में जबरदस्त धमाका हुआ। कार रेड लाइट पर रुकी ही थी कि विस्फोट हो गया, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए। जांच में पता चला कि कार के अंदर डॉ. उमर मोहम्मद का शव टुकड़ों में बिखरा मिला। सूत्रों का कहना है कि यह एक फिदायीन (आत्मघाती) हमला था, जो जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े नेटवर्क का हिस्सा था। उमर पुलवामा, जम्मू-कश्मीर का निवासी था और फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करता था।

सीसीटीवी फुटेज में उमर को कार ड्राइव करते हुए देखा गया, जिसमें वह काले मास्क में था। धमाके के बाद ब्लास्ट साइट से बरामद मानव अवशेषों की पहचान के लिए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से उमर के परिजनों को बुलाया गया है। मंगलवार को उनकी मां को डीएनए टेस्ट के लिए हिरासत में लिया गया, जबकि पिता गुलाम नबी दार को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन प्रारंभिक जांच में अमोनियम नाइट्रेट जैसे उच्च-स्तरीय विस्फोटक पदार्थों के अवशेष मिले हैं।

अल फलाह यूनिवर्सिटी: टेरर मॉड्यूल का केंद्र

धमाके की जांच फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी पर केंद्रित हो गई है, जहां से ज्यादातर संदिग्ध जुड़े हैं। यह यूनिवर्सिटी 2014 में अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित की गई थी और यूजीसी से मान्यता प्राप्त है। यहां 70 एकड़ कैंपस में 650 बेड का अस्पताल भी है। सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने यूनिवर्सिटी पर छापा मारा, जहां से तीन डॉक्टरों—डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. उमर मोहम्मद और डॉ. शाहीन शाहिद—को हिरासत में लिया गया।

मुजम्मिल (पुलवामा निवासी) के किराए के दो कमरों से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, एके-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ। शाहीन, जो मुजम्मिल की कथित गर्लफ्रेंड हैं, की कार से भी हथियार मिले। जांच एजेंसियों के अनुसार, शाहीन को JeM की महिलाओं की विंग ‘जमात उल-मोमिनात’ की भारत शाखा स्थापित करने का जिम्मा सौंपा गया था, जो JeM के संस्थापक मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर द्वारा पाकिस्तान से संचालित है। यह विंग महिलाओं को रेडिकलाइज करने और फंडिंग के लिए इस्तेमाल होती है।

आगरा कनेक्शन: डॉ. परवेज अंसारी की भूमिका

धमाके का आगरा कनेक्शन डॉ. शाहीन का सगा भाई डॉ. परवेज अंसारी से जुड़ता है। परवेज को मंगलवार सुबह लखनऊ के मटियाकुंवर इलाके में उनके घर से यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया। छापे में लैपटॉप, मोबाइल, हार्ड डिस्क, दस्तावेज और ट्रेन-फ्लाइट टिकट बरामद हुए। परवेज ने 2015 में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज से इंटरनल मेडिसिन में एमडी पूरा किया, उसके बाद सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया और 2016 में इस्तीफा दे दिया। बाद में उन्होंने लखनऊ के इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नौकरी की, लेकिन हाल ही में इस्तीफा दिया।

परवेज का घर लखनऊ में आईआईएम रोड पर है, लेकिन उनकी कार का नंबर प्लेट सहारनपुर का है, जो जांच का विषय बना हुआ है। एजेंसियां अब एसएन मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड खंगाल रही हैं ताकि पता लगाया जा सके कि क्या परवेज का आगरा से कोई सक्रिय संपर्क बाकी था। शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी ने दावा किया है कि बेटी एक साल से संपर्क में नहीं थी और परिवार को किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी नहीं थी। शाहीन ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुकी हैं, लेकिन 2021 में अनुपस्थिति के कारण नौकरी से बर्खास्त हो गईं। 2015 में पति से अलगाव के बाद वे फरीदाबाद चली गईं, जहां मुजम्मिल से संपर्क हुआ।

जांच का दायरा: एनआईए ने संभाला केस

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केस अपने हाथ में ले लिया है। यूपी, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट है। अयोध्या के राम मंदिर, आगरा के ताजमहल, वाराणसी और अन्य संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर, आईबी और एनआईए के डायरेक्टर शामिल हुए। उन्होंने कहा, “दोषियों को एजेंसियों की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा।”

जांच में पता चला कि यह ‘व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम’ था, जहां एन्क्रिप्टेड ऐप्स जैसे टेलीग्राम के जरिए रेडिकलाइजेशन, फंडिंग और लॉजिस्टिक्स की जाती थी। फरीदाबाद मॉड्यूल के बस्ट होने के बाद उमर घबरा गया और धमाका कर दिया। दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख और घायलों को 5 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। लाल किले मेट्रो स्टेशन को मंगलवार को बंद रखा गया

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